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Explainer: यूक्रेन के AI ड्रोन ने कैसे रूस के 41 बॉम्बर प्लेन किए तबाह? युद्ध में तकनीक का नया चेहरा

यूक्रेन ने रूस के खिलाफ एक नया और बेहद गोपनीय ड्रोन मिशन चलाया है, जिसका नाम ‘स्पाइडर वेब’ है। इस ऑपरेशन में यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस के कई सैन्य हवाई अड्डों पर खड़े 41 बॉम्बर विमानों को नुकसान पहुंचाया या तबाह कर दिया है।

Author Written By: Aditya Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jun 2, 2025 10:04
Operation Spider Web

Operation Spider Web: रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहा युद्ध अब पारंपरिक हथियारों से आगे बढ़कर अत्याधुनिक तकनीकों की ओर मुड़ चुका है। हाल ही में यूक्रेन ने रूस के खिलाफ एक गुप्त और साहसी ड्रोन ऑपरेशन को अंजाम दिया है, जिसे ‘स्पाइडर वेब’ नाम दिया गया है। इस ऑपरेशन के जरिए यूक्रेन ने रूस के सैन्य हवाई अड्डों पर खड़े 41 बॉम्बर विमानों को क्षतिग्रस्त या पूरी तरह तबाह करने का दावा किया है। खास बात यह रही कि इस पूरे अभियान की योजना यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU ने बनाई थी, और इसे राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की स्वयं मॉनिटर कर रहे थे।

18 महीनों तक चला ऑपरेशन की तैयारी का दौर

‘स्पाइडर वेब’ ऑपरेशन कोई रातोंरात बना प्लान नहीं था। इसकी तैयारी पूरे 18 महीनों तक गुप्त रूप से की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विस्फोटक ड्रोन को खासतौर पर लकड़ी के केबिनों में छुपाकर ट्रकों के जरिये रूसी एयरबेस के पास पहुंचाया गया। फिर, सटीक समय का इंतजार करने के बाद वहां से ड्रोन लॉन्च किए गए, जिससे रूस को कोई पूर्व जानकारी नहीं मिल सकी।

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AI ड्रोन की एंट्री: युद्ध में तकनीक का नया चेहरा

इस ऑपरेशन में सबसे चौंकाने वाली बात थी कि यूक्रेन ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित ड्रोन का उपयोग किया। ये ड्रोन StratForce नाम की एक यूक्रेनी टेक्नोलॉजी कंपनी ने तैयार किए हैं। इस कंपनी ने ‘GOGOL-M’ नामक एक “मदरशिप ड्रोन” विकसित किया है, जो अपने साथ दो छोटे FPV (First Person View) अटैक ड्रोन लेकर उड़ान भरता है। मदरशिप टारगेट जोन तक जाती है, FPV ड्रोन छोड़ती है, और फिर खुद सुरक्षित वापस लौट आती है, जिससे उसे बार-बार उपयोग किया जा सके।

GPS और इंसानी कंट्रोल से आजाद – स्मार्ट पायलट सिस्टम से लैस

इन ड्रोन की सबसे बड़ी ताकत उनका AI-संचालित ‘SmartPilot सिस्टम’ है। ये ड्रोन न तो GPS पर निर्भर हैं और न ही किसी इंसानी ऑपरेटर पर। इनकी आंखें कैमरा, LIDAR और अन्य आधुनिक सेंसर होते हैं, जो इन्हें खुद से उड़ने, लक्ष्य पहचानने और हमला करने की क्षमता देते हैं। ये सिस्टम एक ट्रेंड पायलट की तरह फैसले लेते हैं, लेकिन कहीं ज्यादा तेजी और सटीकता से।

कम लागत में बड़ा असर – सिर्फ 10,000 डॉलर में पूरा होता है मिशन

StratForce का दावा है कि वह हर महीने 50 GOGOL-M मदरशिप ड्रोन और 400 FPV अटैक ड्रोन का उत्पादन कर सकती है। इन ड्रोन की लागत की बात करें तो एक मिशन की कीमत लगभग $10,000 (लगभग 8.3 लाख रुपये) आती है, जो कि एक पारंपरिक क्रूज मिसाइल की तुलना में कई गुना सस्ती है। कम लागत, बार-बार इस्तेमाल की क्षमता और सटीक हमले इन ड्रोन को यूक्रेन के लिए रणनीतिक हथियार बना रहे हैं।

भविष्य की लड़ाइयों का संकेत?

‘स्पाइडर वेब’ ऑपरेशन यह साफ संकेत देता है कि अब युद्ध सिर्फ बमों और टैंकों का खेल नहीं रहा, बल्कि तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्ट्रैटेजिक प्लानिंग इसकी असली शक्ति बन चुके हैं। अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो आने वाले वर्षों में युद्ध का स्वरूप पूरी तरह बदल सकता है – जहां मानव से ज्यादा मशीनें फैसला लेंगी।

First published on: Jun 02, 2025 09:32 AM

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