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टैरिफ के कारण चीन से भारत का रुख कर रहा Apple, 1 साल में बनाए 22 अरब डॉलर के iPhone

भारत में पिछले कुछ समय में आईफोन का निर्माण तेजी से होने लगा है। पहले चीन को आईफोन के निर्माण का गढ़ माना जाता था। अब भारत में इसके निर्माण में तेजी आई है। आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में भारत में 60 फीसदी अधिक आईफोन बनाए गए हैं। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 14, 2025 11:08
iPhone

पहले चीन में आईफोन (iPhone) का निर्माण अधिक होता था, एक तरह से उसका एकाधिकार ही था। अब वे दिन लद चुके हैं, क्योंकि अब iPhone की मैन्युफैक्चरिंग भारत में तेजी से बढ़ने लगी है। पिछले साल के मुकाबले इस साल भारत में iPhone निर्माण में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एक साल के अंदर ही भारत में 22 अरब डॉलर (18941 करोड़ रुपये) के iPhone बनाए गए हैं। इसका सीधा अर्थ ये है कि भारत में इस समय दुनियाभर के 20 फीसदी iPhone बन रहे हैं। यानी हर 5 में से एक iPhone भारत में बनाया जा रहा है।

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एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीनी टैरिफ की वजह से कंपनियां भारत को पसंद कर रही हैं। टैरिफ भारत के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन, लैपटॉप और उनसे जुड़े कुछ पुर्जों को टैरिफ के दायरे से बाहर करने का ऐलान किया था, लेकिन चीन पर अभी भी 20 फीसदी टैरिफ लागू है। ये टैरिफ ट्रंप ने इसी साल से लागू करने का ऐलान किया था, जिसके बाद चीन ने भी पलटवार करते हुए टैरिफ लागू करने की घोषणा कर दी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच ट्रेड वार जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। एप्पल का प्रयास चीन से बाहर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का है।

भारत में 4 मुख्य सप्लायर्स

भारत में अधिकतर iPhone का निर्माण दक्षिण इलाके में फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप की कंपनी करती है। Wistron, Foxconn, Tata Electronics और Pegatron भारत में मुख्य सप्लायर्स हैं। केंद्रीय प्रौद्योगिकी मंत्री ने 8 अप्रैल को अपना बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि भारत के कुल उत्पादन में से एप्पल ने मार्च 2025 तक 1.5 ट्रिलियन रुपये (17.4 बिलियन डॉलर) के iPhone निर्यात किए हैं। गौरतलब है कि एप्पल अब अपने सभी iPhone भारत में असेंबल करता है, जिनमें टाइटेनियम PRO मॉडल भी शामिल हैं।

कोविड के समय आई तेजी

कोरोनाकाल के दौरान एप्पल ने भारत में iPhone का निर्माण तेज किया था। कई चीनी कंपनियां उस समय भारत आई थीं। कोरोना फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार माना जाता है, जिसके चलते कई कंपनियों ने चीन से मुंह मोड़ लिया था। अब अमेरिका की टैरिफ नीति को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि भारत तेजी से मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर उभरेगा।

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First published on: Apr 14, 2025 10:55 AM

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