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कैश ऑन डिलीवरी पर एक्स्ट्रा फीस को लेकर मंत्री की सख्ती, ई-कॉमर्स कंपनियों पर किया ये ऐलान

क्या आपने भी ऑनलाइन शॉपिंग में कैश-ऑन-डिलीवरी पर एक्स्ट्रा चार्ज दिया है? अगर हां तो इस मामले में मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ किया कि जो भी ई-कॉमर्स कंपनियां COD पर छुपे शुल्क वसूलेंगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

Author Written By: Mikita Acharya Author Published By : Mikita Acharya Updated: Oct 4, 2025 12:07
Cash on Delivery
प्रतीकात्मक फोटो

Extra Fee on Cash on Delivery: ई-कॉमर्स कंपनियों की चालाकियों पर अब सरकार ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि जो भी प्लेटफॉर्म कैश-ऑन-डिलीवरी (COD) पर अतिरिक्त शुल्क वसूलते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्यों बढ़ा विवाद

कई ई-कॉमर्स कंपनियां ऑनलाइन पेमेंट की बजाय COD चुनने पर ग्राहकों से अलग-अलग नामों से एक्स्ट्रा फीस वसूल रही हैं. हाल ही में एक यूजर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि उसे ऑफर हैंडलिंग फी, पेमेंट हैंडलिंग फी और प्रोटेक्ट प्रॉमिस फी के नाम पर 226 रुपये एक्स्ट्रा चार्ज किया गया.

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यूजर ने सोशल मीडिया का पर लिखा ‘जैसे Zomato/Swiggy/Zepto बारिश का शुल्क लेते हैं, वैसे ही Flipkart ने नए-नए चार्ज निकाल लिए हैं. ऑफर हैंडलिंग फी (कंपनी ने खुद दिया ऑफर), पेमेंट हैंडलिंग फी (भुगतान करने पर भी शुल्क), और प्रोटेक्ट प्रॉमिस फी (किससे सुरक्षा). अगली बार शायद स्क्रॉलिंग ऐप फी भी आ जाएगा.’

सरकार का जवाब

इस पोस्ट पर खुद मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है. डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने शिकायतें दर्ज की हैं और इन कंपनियों की जांच शुरू कर दी गई है. जो भी प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को गुमराह करेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.

क्या होते हैं डार्क पैटर्न्स?

डार्क पैटर्न्स वे तरीके होते हैं जिनसे कंपनियां ग्राहकों को बिना बताए पैसे या डेटा निकलवाने की चालाकी करती हैं.

  • जैसे दिखाना कि कोई प्रोडक्ट स्टॉक में केवल 1-2 बचा है, जबकि असल में बहुत सारे उपलब्ध हों.
  • या फिर ऑफर सिर्फ 10 मिनट में खत्म होगा जैसी नकली डेडलाइन बनाना.
  • कई बार लंबी लिस्ट में छिपाकर छुपे हुए चार्ज लगाना भी इसी का हिस्सा है.

सरकार की पहले से चेतावनी

केंद्र सरकार ने पहले भी ई-कॉमर्स कंपनियों को चेतावनी दी थी और मीटिंग बुलाकर कहा था कि वे ऐसे भ्रामक तरीकों से बचें. अब मंत्रालय इस पर कड़ा कानून लाने की दिशा में भी काम कर रहा है ताकि उपभोक्ताओं के अधिकार सुरक्षित रह सकें.

First published on: Oct 04, 2025 11:34 AM

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