High Risk Warning For Android: भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम यानी CERT-In ने करोड़ों Android यूजर्स के लिए हाई-रिस्क वार्निंग दी है, जो खासतौर पर लेटेस्ट Android 15 यूजर्स के लिए है। सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, Android ऑपरेटिंग सिस्टम में कई खामियां पाई गई हैं। इनका इस्तेमाल करके हैकर्स आपके स्मार्टफोन या टैबलेट पर हमला कर सकते हैं, जिससे सेंसिटिव इनफार्मेशन चोरी हो सकती है, डिवाइस अनस्टेबल हो सकता है या डिवाइस क्रैश भी हो सकती है।
हाई-रिस्क कैटेगरी में किया मार्क
CERT-In की रिपोर्ट (CIVN-2024-0349) ने इन खामियों को हाई-रिस्क वाली कैटेगरी में रखा है। यह चेतावनी न केवल इंडिविजुअल यूजर्स के लिए बल्कि Android डिवाइस पर डिपेंड आर्गेनाइजेशन के लिए भी चिंता का विषय है। आइए पहले जानते हैं कौन-कौन से Android वर्जन वाले डिवाइस इसकी चपेट में हैं…
इस Android वर्जन वाले डिवाइस खतरे में
इन Android वर्जन में सरकारी एजेंसी ने खामियां बताई हैं…
- Android 12
- Android 12L
- Android 13
- Android 14
- Android 15
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कैसे रखें खुद को सेफ?
CERT-In ने इन खतरों से बचने के लिए कुछ उपाय बताए हैं…
1. अपने Android डिवाइस को अपडेट करें: Google और डिवाइस मनुफक्चरर्स (OEM) द्वारा जारी सिक्योरिटी अपडेट इंस्टॉल करें। इसके लिए आप डिवाइस अपडेट के लिए Settings > System Upgrade > Check for Updates ऑप्शन पर क्लिक करें।
2. सिर्फ भरोसेमंद सोर्स से ऐप डाउनलोड करें: हमेशा Google Play Store से ही ऐप इंस्टॉल करें। अनवेरीफाइड प्लेटफॉर्म से ऐप साइडलोड न करें।
3. एप्लिकेशन की परमिशन चेक करें: जिसकी जरूरत न हो उस ऐप की परमिशन ऑफ कर दें। खास ऐप्स के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ऑन करें।
4. डिवाइस एन्क्रिप्शन ऑन करें: डिवाइस और डेटा को सेफ रखने के लिए डिवाइस एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करें।
गूगल प्ले प्रोटेशन करें यूज
जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि गूगल प्ले प्रोटेक्ट, Android डिवाइस को सेफ रखने के लिए एक कमाल का फीचर है जो ऐप्लिकेशन इंस्टॉल करते टाइम और समय-समय पर डिवाइस को स्कैन करके, फर्जी या डेटा चोरी करने वाले ऐप्लिकेशन की पहचान करता है। इसलिए हमेशा इस फीचर को ऑन रखें।