Google अपने Google Play प्रोटेक्ट पर लाइव खतरे का पता लगाने वाले AI फीचर को ऐड कर रहा है, जो आपको मैलवेयर से बचने के लिए Android फोन पर इंस्टॉल किए गए ऐप्स को स्कैन करेगा। कंपनी ने हाल ही में Google I/O एनुअल डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की है। इन नए ऑन-डिवाइस AI फीचर्स के साथ, Google Play प्रोटेक्ट फर्जी ऐप्स को पकड़कर फ्रॉड को कम करने में मदद करेगा। कंपनी का कहना है कि Google Play प्रोटेक्ट हर दिन 200 बिलियन Android ऐप्स को स्कैन करेगा, जिससे 3 बिलियन से ज्यादा यूजर्स सेफ रहेंगे।
कैसे काम करेगा AI-Powered Google Play Protect
गूगल का कहना है कि AI-Powered गूगल प्ले प्रोटेक्ट ऐप्स और सर्विसेज का डेटा Analyse करता है। साथ ही इस बात कि भी जांच करता है कि कौन-सा ऐप किस तरह की परमिशन ले रहा है।
अगर सिस्टम को ऐप्स में सस्पीशियस बिहेवियर मिलता है, तो AI-Powered फीचर्स ऐप को रिव्यु के लिए Google को भेजेगी और यूजर्स को चेतावनी देगी या मालिसियस बिहेवियर कंफर्म होने पर ऐप को डिसएबल कर देगी।
कंपनी ने यह भी बताया कि सस्पीशियस बिहेवियर का पता निजी कंप्यूट कोर के जरिए से प्राइवेसी बनाए रखने के तरीके से डिवाइस पर लगाया जाता है, जो यूजर्स का डेटा इकट्ठा किए बिना यूजर्स को सिक्योर रखता है।
गूगल पिक्सल, ऑनर, लेनोवो, नथिंग, वनप्लस, ओप्पो और कई अन्य फोन निर्माता इस साल के अंत में इस लाइव थ्रेट डिटेक्शन फीचर को अपने फोन में पेश कर सकते हैं। हालांकि अभी इस फीचर की कोई रिलीज डेट सामने नहीं आई है।
फ्रॉड और स्कैम्स को करेगा कम
यूजर्स के अलावा गूगल, ऐप्स को फ्रॉड और स्कैम्स से बचाने के लिए डेवलपर्स को भी और ज्यादा टूल्स ऑफर करने वाला है। Google ने कहा कि प्ले इंटीग्रिटी एपीआई डेवलपर्स को यह जांचने की सुविधा देगा कि उनके ऐप्स अनमॉडिफाइड हैं और रियल Android डिवाइस पर चल रहे हैं ताकि वे फ्रॉड और स्कैम्स वाले बिहेवियर का पता लगा सकें और यहां तक कि साइबर अटैक को भी रोका जा सके।