Apple Scam: हाल ही में एक घटना चर्चा में आई है, जिसके तहत सांता क्लारा काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के ऑफिस ने छह पूर्व एप्पल कर्मचारियों पर कंपनी को धोखा देने की योजना बनाने का आरोप लगाया है। इन लोगों ने एपल के एंप्लॉय गिफ्ट- मैचिंग प्रोग्राम का फायदा उठाकर स्कैम किया। इसके तहत उन लोगों ने 152,000 डॉलर यानी लगभग 1,28,00,000 रुपये का मैचिंग फंड हासिल किया। आइए इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कब का है मामला?
ये मामला 2018 से 2021 के बीच का है। कंपनी ने आरोप लगाया कि इन 6 लोगों ने 1 जुलाई, 2018 से 6 अप्रैल, 2021 तक चैरिटी को दिए गए डोनेशन में हेराफेरी की। इस लिस्ट में शामिल 6 लोगों में कास्त्रो वैली के 37 वर्षीय सिउ केई (एलेक्स) क्वान, सैन जोस के 34 वर्षीय याथेई (हेसन) यूएन, मिलपिटास के 35 वर्षीय याट सी (सनी) एनजी, हेवर्ड के 38 वर्षीय वेंटाओ (विक्टर) ली, सनीवेल के 39 वर्षीय लिचाओ नी और यूनियन सिटी के 31 वर्षीय झेंग चांग शामिल थे।
सिउ केई इस ग्रुप के लीडर की तरह काम कर रहे थे। इस ग्रुप में 3 साल में बच्चों के चैरिटी को दिए गए डोनेशन में हजारों डॉलर का फेरबदल की और इस स्कैम को अंजाम दिया। हालांकि, उन्होंने खुद कोई डोनेशन नहीं दिया। इसके अलावा इन लोगों पर ये आरोप भी है कि उन्होंने अवैध कटौती का दावा करने के लिए अपने टैक्स रिटर्न पर पर लगभग 100,000 डॉलर के चैरिटेबल डोनेशन की जानकारी दी। इनपर कई गंभीर अपराधों का आरोप लगाए गए, जिसमें बड़ी चोरी, बड़ी चोरी करने की साजिश, झूठी गवाही और टैक्स स्कैम शामिल हैं।

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Apple को कैसे दिया धोखा?
इसके लिए इन कर्मचारियों ने Benevity नामक का थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। उन्होंने इस ऐप की मदद से डोनेशन दिया। जब कर्मचारी इस ऐप के साथ पेमेंट करते हैं तो एपल इंप्लॉय गिफ्ट- मैचिंग प्रोग्राम के तहत उस राशि का 100% या 200% मैच करता था और Benevity उस राशि को चैरिटी को भेज देता था।
हॉप4किड्स के सीईओ और अमेरिकन चाइनीज इंटरनेशनल कल्चरल एक्सचेंज (ACICE) के अकाउंटेंट क्वान ने चैरिटी के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर्मचारियों के दान को रिफंड करने के लिए किया और मैचिंग फंड को अपने पास रख लिया। इस तरह, उन्होंने Apple और कैलिफोर्निया राज्य दोनों को धोखा दिया। कर्मचारियों ने फिर इन डोनेशन को टैक्स डिडक्शन के लिए दिखाने की कोशिश की। इसके बाद क्वान ने भी फर्जी कर रिटर्न तैयार किया और दूसरों को मुफ्त या रियायती टैक्स सर्विस ऑफर करके इस योजना में शामिल होने के लिए कहा।
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