Viral News Fact Check: दुनिया भर में बढ़ते कोरोना (COVID) मामलों के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि व्हाट्सएप पर कोरोना से संबंधित मैसेज को शेयर करना आपको परेशानी में डाल सकता है। वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि सरकार ने इसे दंडनीय अपराध घोषित किया है।
वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि सोशल मीडिया पर COVID से संबंधित पोस्ट शेयर करना सरकार की ओर से दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। केवल सरकारी एजेंसियां ही बीमारी से जुड़ी जानकारी साझा कर सकती हैं। व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन और सभी सदस्यों के खिलाफ आईटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी यदि वे कोई भ्रामक पोस्ट या संदेश साझा करते हैं। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने फैक्ट चेक किया तो वायरल पोस्ट फर्जी निकली।
और पढ़िए – Nasal Vaccine Price: भारत बायोटेक ने नेजल वैक्सीन की कीमतों का किया ऐलान, जानें एक डोज का प्राइस
क्या केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस से सम्बंधित पोस्ट करने को दण्डनीय अपराध घोषित कर दिया गया है❓#PIBFactcheck
---विज्ञापन---✅ नहीं, लेकिन #COVID19 जैसी गंभीर बीमारी पर सही और विश्वसनीय जानकारी साझा करना अत्यंत आवश्यक है‼️
✅ ज़िम्मेदार नागरिक बनें और केवल सही जानकारी शेयर करें‼️ pic.twitter.com/kPPryTwBDv
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 27, 2022
भारत में 7 दिन के लॉकडाउन पर भी फर्जी पोस्ट
इस हफ्ते की शुरुआत में एक यूट्यूब चैनल (सीई न्यूज) के एक फर्जी स्क्रीनशॉट में कहा गया था कि भारत में 24 दिसंबर से लॉकडाउन लागू हो जाएगा और प्रतिबंध एक हफ्ते तक लागू रहेंगे। इसके अलावा, इसमें यह भी कहा गया है कि यह निर्णय पीएम मोदी ने एक आपात बैठक में लिया था। ये वायरल पोस्ट भी फर्जी निकली थी, क्योंकि सरकार ने कहा है कि भारत में स्थिति नियंत्रण में है।
और पढ़िए – Corona Update: देश में 24 घंटे में कोरोना के आए 188 नए केस, एक भी मौत नहीं
क्या है PIB फैक्ट चेक?
इंटरनेट पर प्रचलित गलत सूचनाओं और फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने दिसंबर 2019 में अपनी फैक्ट चेक यूनिट शुरू की है। इसका उद्देश्य सरकार की नीतियों और योजनाओं से संबंधित गलत सूचनाओं की पहचान करना है जो विभिन्न सामाजिक मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं।
पीआईबी लोगों को अपने सवाल भेजने के लिए भी आमंत्रित करता है, ताकि फेक न्यूज का भंडाफोड़ किया जा सके। सरकार ने बार-बार लोगों को इस तरह की गलत सूचनाओं के बारे में आगाह किया है और उनसे केवल विश्वसनीय स्रोतों पर विश्वास करने को कहा है।
और पढ़िए – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें