Seat Sharing Formula for INDIA in Hindi : लोकसभा चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं बचा है और राजनीतिक पार्टियां इसे लेकर तैयारियों में जुट चुकी हैं। भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन इस चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने के इरादे से चुनावी मैदान में उतरेगा। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी INDIA गठबंधन सत्ता में वापसी करने की कोशिश करेगा।
लेकिन विपक्षी गठबंधन फिलहाल सीट बंटवारे को लेकर बड़े संकट में फंसा हुआ है। क्षेत्रीय दल अपनी सीटों से समझौता करने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं तो ऐसे में विपक्षी गठबंधन के सामने एक सवाल यह उठ रहा है कि सीट बंटवारे का ये अहम मुद्दा आखिर किस तरह सुलझेगा। इस रिपोर्ट में समझिए सीट बंटवारे का पूरा गणित और विपक्ष कैसे इस चुनौती से पार पा सकता है।
"हमें ममता बनर्जी की भीख की ज़रूरत नहीं है, वे मोदी जी की सेवा में लगी हुईं हैं"
◆ सीट शेयरिंग को लेकर ममता बनर्जी पर हमलावर हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी @adhirrcinc | #MamtaBanerjee | #WestBengal pic.twitter.com/iUkHiCXyWz
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सीट बंटवारे का ये फॉर्मूला अपनाए विपक्ष
पहला फॉर्मूला है जीती हुए सीटों पर संबंधित पार्टियों की दावेदारी मजबूत मानी जाए। यानी देश की जिन लोकसभा सीटों पर जिस पार्टी ने जीत दर्ज की है उस सीट पर उसी पार्टी के उम्मीदवार को लड़ाया जाए। 2014 के चुनाव में जीतकर 2019 के चुनाव में हारने वाले उम्मीदवारों को भी उन सीटों पर तरजीह दी जाए। सीट सेलेक्शन का पहला फॉर्मूला जिताऊ प्रत्याशी ही है।
दूसरा फॉर्मूला यह है कि गठबंधन में शामिल पार्टियां त्याग करें। हर राज्य में लीडिंग पार्टी को कुछ सीटों पर कॉम्प्रोमाइज करना होगा। यानी उन्हें अपने सहयोगी दलों को तरजीह देनी होगी। इसका जिक्र राजद सुप्रीमो लालू यादव से लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार तक कर चुके हैं। दोनों नेताओं ने कहा है कि भाजपा को हराने के लिए वह कुछ सीटों पर कॉम्प्रोमाइज करने को तैयार हैं।
तीसरा फॉर्मूला विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के डाटा को अपनाना है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल और केरल में सीट बंटवारे को लेकर ये फॉर्मूला अपनाया जा सकता है। इसका मतलब ये हुआ कि जिस पार्टी का जिन राज्यों में जैसा प्रदर्शन रहा है उस हिसाब से सीट वितरण किया जाए। इसमें दोनों चुनावों के डाटा का सहारा लिया जा सकता है।
तो मुश्किल हो सकती है एनडीए की राह
अगर त्याग, समर्पण और एकजुटता के इस फॉर्मूले के साथ विपक्ष का इंडिया गठबंधन चुनावी मैदान में उतरता है तो फिर एनडीए की राह आगामी चुनाव में मुश्किल हो सकती है। देश की राजनीति में इंडिया गठबंधन का वजूद सामने आने के बाद से एनडीए में भी शंका और आशंका के बादल उमड़-घुमड़ रहे हैं। बीजेपी भी इंडिया गठबंधन को लेकर पूरी तरह हमलावर रुख अपनाए हुए है।
VIDEO | "Congress' roadmap is to take all the INDIA alliance partners together and form the government. It's like the 'UPA 3'. We can replace this Modi government, which thinks that it is irreplaceable," says Telangana #Congress leader Madhu Yaskhi Goud. pic.twitter.com/6id00PsdsI
— Press Trust of India (@PTI_News) January 4, 2024
लेकिन विपक्षी खेमे में कांग्रेस पार्टी को लेकर मचा घमासान सत्ता पक्ष को थोड़ी राहत भी दे रहा है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इंडिया गठबंधन का वजूद मजबूत है या नहीं क्योंकि बिना एकजुट और एकमत हुए फिलहाल तो विपक्ष के लिए यह डगर मुश्किल ही नजर आ रही है। हालांकि, असल तस्वीर कैसी होगी यह तो चुनाव का परिणाम आने के बाद ही साफ हो पाएगा।
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