Timeline Of Gyanvapi Masjid Case : वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर मुकदमेबाजी दशकों से चल रही है। लेकिन इसे रफ्तार तब मिली जब पांच हिंदू महिलाओं ने मस्जिद परिसर की बाहरी दीवार पर मां श्रृंगार गौरी की पूजा करने का अधिकार मांगा था। पढ़िए 2021 में सिविल सूट दायर करने से लेकर अब सर्वे रिपोर्ट सामने आने तक इस मामले में क्या-क्या हुआ।
"ज्ञानवापी मस्जिद बनने से पहले यहां एक हिंदू मंदिर था"
---विज्ञापन---◆ ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा
◆ दोनों पक्षों को रिपोर्ट सौंपी गई
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— News24 (@news24tvchannel) January 26, 2024
अगस्त 2021: पांच हिंदू महिलाओं ने एक सिविल सूट दाखिल किया। इसमें तर्क दिया गया था कि जहां मस्जिद है वहां पहले मंदिर हुआ करता था। मस्जिद समिति ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 का हवाला देते हुए इस मुकदमे को चुनौती दी थी।
16 मई 2022: स्थानीय अदालत की ओर से नियुक्त किए गए आयोग ने मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफिक सर्वे पूरा किया। इसमें एक ढांचा पाया गया जिसे लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह एक शिवलिंग है और मुस्लिम पक्ष के अनुसार यह एक फव्वारा था।
20 मई 2022: सुप्रीम कोर्ट ने मामला जिला जज के पास ट्रांसफर कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि हम तभी दखल देंगे जब जिला जज मामले के शुरुआती पक्षों पर फैसला ले लेंगे।
सितंबर 2022: वाराणसी जिला एवं सत्र अदालत ने मस्जिद समिति की याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया।
अक्टूबर 2022: हिंदू पक्ष की ओर से कथित शिवलिंग का वैज्ञानिक सर्वे और कार्बन डेटिंग कराने की मांग वाली याचिका दाखिल की गई थी, जिसे जिला अदालत ने खारिज कर दिया। हिंदू पक्ष ने फिर हाईकोर्ट जाने का फैसला किया।
11 नवंबर 2022: सुप्रीम कोर्ट ने उस स्थान को सिक्योर करने के अंतरिम आदेश को आगे बढ़ाया जहां कथित शिवलिंग पाया गया था। हालांकि, इस दौरान मुसलमानों पर मस्जिद में आने और नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगाई गई।
मई 2023: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कार्बन डेटिंग समेत वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया ताकि ‘शिवलिंग’ की आयु निर्धारित की जा सके।
21 जुलाई 2023: वाराणसी की एक जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे करने के लिए कहा। अदालत ने यह पता करने का निर्देश किया था कि वर्तमान ढांचा क्या पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के ढांचे के ऊपर बनाया गया था।
24 जुलाई 2023: मस्जिद समिति की ओर से याचिका दाखिल करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर अंतरिम रोक लगाने का फैसला सुनाया।
25 जुलाई 2023: मस्जिद समिति ने जिला अदालत के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
3 अगस्त 2023: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। इसके एक दिन बाद एएसआई का सर्वे शुरू हो गया।
11 दिसंबर 2023: वाराणसी जिला अदालत ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया।
19 दिसंबर 2023: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर को लेकर साल 1991 में दाखिल एक मामले को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। इस मामले में दावा किया गया था कि मुस्लिम समुदाय ने यहां अवैध रूप से कब्जा किया है।
25 जनवरी 2024: अदालत ने आदेश दिया कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट दोनों पक्षों को सौंप दी जाएं। इसके अगले दिन रिपोर्ट साझा कर दी गई जिसके आधार पर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद असल में हिंदू मंदिर है।
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