Laser Signal From Space To Earth Explainer: 14 नवंबर 2023 को धरती पर अंतरिक्ष से एक लेजर सिग्नल आया। करीब 16 मिलियन किलोमीटर (10 मिलियन मील) दूरी से आए इस सिग्नल को 50 सेकेंड में रिसीव किया जा सका। अमेरिकी की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने इसे रिसीव किया। वहीं सिग्नल रिसीव करने के बाद नासा के अधिकारियों ने दुनिया को बताया कि जितनी दूरी से यह सिग्नल आए हैं, यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 40 गुना ज्यादा है। कोई ऑप्टिकल कम्युनिकेशन आज तक इतनी दूर से नहीं आया है। आखिर यह सिग्नल पृथ्वी तक कैसे पहुंच गया? किसने भेजा, क्यों भेजा और इससे क्या फायदा होगा? क्या इसका एलियंस से कोई कनेक्शन है, आइए इस पर विस्तार से बात करते हैं…
NASA beamed a signal from its Psyche spacecraft 10 million miles away using laser. It was a successful test of of Nasa’s Deep Space Optical Communications (DSOC) https://t.co/FOU6n7cGvF
— Science, Space & Robots (@science) November 24, 2023
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सिग्नल को लेकर नासा का बड़ा दावा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, NASA के अधिकारी टर्डी कोर्टिस ने दावा किया है कि अंतरिक्ष से लेजर सिग्नल उनके Psyche स्पेसक्राफ्ट ने भेजा है। रेडियो सिग्नल के जरिए इसे भेजा गया, लेकिन आज से पहले कभी इस तरह के लेजर सिग्नल अंतरिक्ष से रिसीव नहीं किए गए। ऐसे में यह बहुत बड़ी अचीवमेंट है। इससे जहां अंतरिक्ष से धरती तक कम्युनिकेशन का रास्ता साफ होगा। वहीं भविष्य में स्पेस में रहते हुए दूसरे ग्रहों की जानकारियां, फोटो और वीडियो तुंरत धरती तक भेजे सकेंगे। दूसरी ओर, इस लेजर सिग्नल को एलियंस से जोड़कर भी देखा जा रहा है। अगर यह सिग्नल स्पेसक्राफ्ट ने नहीं भेजे तो हो सकता है कि एलियंस का इससे कनेक्शन हो, क्योंकि पिछले काफी समय से धरती पर एलियंस और UFO देखे जाने की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं तो यह सिग्नल उनकी तरफ से भी हो सकता है।
स्पेसक्राफ्ट ने कैसे भेजा लेजर सिग्नल?
कोर्टिस ने दावा किया है कि डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन्स (DSOC) टूल की वजह से स्पेसक्राफ्ट लेजर सिग्नल भेज पाया। यह टूल NASA के टेक्निशियन्स ने स्पेसक्राफ्ट पर लगाया था। इस सिग्नल को ‘फर्स्ट लाइट’ कह सकते हैं। आजकल स्पेस में घूम रहे स्पेसक्राफ्ट से कॉन्टैक्ट करने के लिए धरती पर एंटीना लगाए जाते हैं। कॉन्टैक्ट करने के लिए रेडियो सिग्नलों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन उनकी बैंडविड्थ काफी कम होती है, जिससे मैसेज भेजने में काफी समय लग जाता है। इस दिशा में एक्सपेरिमेंट करते हुए एक टूल स्पेसक्राफ्ट पर लगाकर भेजा गया, जिसने लेजर लाइट का इस्तेमाल करके सिग्नल भेजा। यह सिग्नल पहले से इस्तेमाल हो रहे स्पेस कम्युनिकेशन डिवाइस की तुलना में 10 से 100 गुना ज्यादा तेजी से मैसेज और जानकारियां भेज सकता है।
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क्यों भेजा गया Psyche स्पेसक्राफ्ट?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, NASA ने एक एस्ट्रॉयड की स्टडी करने के लिए Psyche स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा है। स्पेसक्राफ्ट 13 अक्टूबर को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुआ था और मंगल-बृहस्पति के बीच सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। अंतरिक्ष में साइकी नाम का एक एस्ट्रॉयड है। अब तक की रिसर्च के मुताबिक, इस एस्ट्रॉयड में 10,000 क्वाड्रिलियन डॉलर का लोहा, सोना और अन्य धातुएं हैं। एक क्वाड्रिलियन में 15 जीरो होते हैं और यह ट्रिलियन के बाद आता है। इसी एस्ट्रॉयड के बारे में जानने के लिए नासा ने मिशन साइकी लॉन्च किया, जो करीब 2 साल अंतरिक्ष में ही रहेगा। अगर स्पेस्क्राफ्ट इसी तरह सिग्नल भेजता रहा तो एस्ट्रॉयड के बारे में मिशन खत्म होने तक कई जानकारियां हाथ लग जाएंगी। 2013 में भी नासा ने लूनर लेजर कम्युनिकेशन्स डिमॉन्स्ट्रेशन किया था, लेकिन उस टेक्निक में सुधार करके अब यह नया एक्सपेरिमेंट किया गया है।