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Explainer: अमेरिका के दबाव से ‘धार्मिक भावनाएं’ आहत होने का क्यों है खतरा? GDP को सिर्फ 0.2% नुकसान की संभावना

Donald Trump Tariffs India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान की आशंका जताई जा रही है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसका ज्यादा असर नहीं होगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Pushpendra Sharma Updated: Aug 1, 2025 22:02
Donald Trump Tarrif On India Impact
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही है। Credit- News 24 Graphics

Donald Trump Tariff India: भारत पर अमेरिका ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल और हथियार खरीदने के चलते भारत पर ये टैरिफ लगाने की बात कही है। इसके साथ ही पेनल्टी लगाने को भी कहा है। ट्रंप ने भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ भी कहा है। हालांकि ये बात अलग है कि दुनियाभर की प्रतिष्ठित एजेंसियों के आंकड़ों में ये सामने आया है कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। अमेरिकी राष्ट्रपति के ऐलान के बाद ये आशंका जताई जा रही थी कि भारत को इसका बड़ा नुकसान हो सकता है।

इससे भारतीय व्यापारियों का सामान अमेरिका में महंगा मिलने लगेगा, जिससे एक्सपोर्ट में कमी आएगी। इसके चलते जीडीपी को भी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन अब कुछ रिपोर्ट्स में सामने आया है कि ट्रंप के इस ऐलान के बाद भारत को बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। दरअसल, विशेषज्ञों का अनुमान है कि ट्रंप ये सब भारत पर दबाव बनाने के लिए कर रहे हैं। इसमें एक बड़ा हिस्सा अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स का भी है। रूस से तेल-हथियार खरीदने के मुद्दों के साथ ट्रंप चाहते हैं कि भारत अमेरिकी कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए अपने बाजार खोल दे, लेकिन भारत झुकने वालों में से नहीं है। एक डर धार्मिक भावनाएं आहत होने का भी है। आइए जानते हैं कि ट्रंप की दबाव बनाने की ये नीति भारतीयों की धार्मिक भावनाओं को किस तरह आहत कर सकती है?

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धार्मिक भावनाएं आहत होने का कैसे है खतरा?

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिकी एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स भारत में बिकने लगें। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि ये दोनों प्राइस सेंसेटिव मार्केट हैं। यानी इनमें प्रतिस्पर्धा होने की संभावना बहुत ज्यादा है। भारतीय किसान किसी भी तरह के बाहरी प्रोडक्ट्स नहीं आने देना चाहते। कृषि और डेयरी बाजारों को अमेरिकी व्यापारियों के लिए खोलने पर गोमांस और मांसाहारी दूध बिकने का भी अंदेशा है।

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भारत इस तरह के प्रोडक्ट्स के लिए अमेरिकी प्रस्ताव को पहले ही ठुकरा चुका है। नॉन वेज मिल्क का उत्पादन अमेरिका में काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस दूध को नॉन वेज मिल्क कहने के पीछे का कारण गायों को खिलाने वाला चारा है। इस चारे में हड्डियों के चूर्ण मिले होते हैं। साथ ही सूअर, मछली और मरे हुए जानवरों का सूखा हुआ खून मिलाया जाता है। इस चारे को खाने वाली गाय का दूध नॉन वेज मिल्क कहा जाता है। अगर इस तरह के प्रोडक्ट मार्केट में मिलने लगें तो अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं।

कितना हो सकता है नुकसान

रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के टैरिफ के बाद जीडीपी में 0.2 प्रतिशत (330.68 लाख करोड़) से ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। कुछ ऐसा ही अनुमान ब्लूमबर्ग में छपी एक रिपोर्ट में भी जताया गया है। बार्कलेज की अर्थशास्त्री आस्था गुडवानी का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर ज्यादा निर्भर है। इसलिए जीडीपी में 0.3 प्रतिशत अंक तक धीमा होने की आशंका है।

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जानकारों के अनुसार, सरकार राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर काम कर रही है। राष्ट्रीय हित में किसानों, छोटे, लघु और मध्यम उद्योग और व्यापारियों का ध्यान रखा जा रहा है। कृषि क्षेत्र का जीडीपी में 16 प्रतिशत का योगदान है।

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आयात-निर्यात का क्या है गणित?

आयात-निर्यात की बात की जाए तो भारत का पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका को एक्सपोर्ट 11.6 परसेंट से बढ़कर 86.51 अरब डॉलर (7.5 लाख करोड़ रुपये) हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 77.52 अरब डॉलर था। जबकि इम्पोर्ट की बात करें तो 2023-24 में 42.2 अरब डॉलर के मुकाबले बढ़कर 45.33 अरब डॉलर यानी करीब 4 लाख करोड़ रुपये का था।

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भारतीय जीडीपी का 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

भारत की वर्तमान जीडीपी की बात करें तो वर्तमान में यह 3.75 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। खास बात यह है कि 2022-23 के मुकाबले इसमें 6.3% की वृद्धि दर्ज की गई है। दुनियाभर में भारतीय GDP 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हालांकि इसके बावजूद डोनाल्ड ट्रंप इसे डेड इकोनॉमी कहते हैं तो इसे ‘खीज’ के तौर पर देखा जाना चाहिए।

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First published on: Aug 01, 2025 09:42 PM

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