What is Arunachal Frontier Highway Project in Hindi : देश की सबसे बड़ी और सबसे मुश्किल परियोजनाओं में से एक अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे का काम आखिरकार शुरू हो गया है। चीन की ओर से आपत्ति जताए जाने के बाद भी नरेंद्र मोदी सरकार ने रणनीतिक रूप से अहम इस प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया है। यह प्रोजेक्ट राज्य में विकास की गति बढ़ाने के साथ सेना की राह भी आसान करेगा।
India plans to build the Arunachal Frontier Highway by 2027.#IADN pic.twitter.com/3bbqV0wWDN
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इस हाईवे के दो अहम उद्देश्य हैं। पहला, यह इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट कनेक्टिविटी बेहतर करेगा। इससे कठिन भौगोलिक स्थितियों वाले अरुणाचल प्रदेश में विकास कार्य बढ़ेंगे। साथ ही राज्य के सीमावर्ती गांवों से पलायन भी कम होगा। दूसरा, चीन के साथ सीमा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर सैनिकों की तैनाती आसानी से की जा सकेगी।
40000 करोड़ की लागत से होगा निर्माण
रिपोर्ट्स के अनुसार इसकी लंबाई करीब 1748 किलोमीटर होगी। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले राज्य के सभी गांवों को इसके जरिए ऑल वेदर सड़कों से कनेक्ट किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 40,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसे पूरा करने का टारगेट मार्च 2027 का रखा गया है।
अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे की शुरुआत भूटान बॉर्डर के पास स्थित तवांग से होगी और भारत-म्यांमार सीमा के पास स्थित विजयनगर में यह समाप्त होगा। यह हाईवे नफरा, हुरी, मोनिगोंग, तवांग, मागो अपर सुबांसिरी, अपर सियांग, मेचुखा, टूटिंग, दिबांग वैली, किबिठू, चांगलांग और डोंग होते हुए गुजरेगा। इसे डिफेंस के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चीन जताता रहा है इस प्रोजेक्ट पर आपत्ति
जब इस प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी तब चीन ने इस पर जोरदार आपत्ति जताई थी। इसे लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा था कि जब तक दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद का समाधान नहीं हो जाता है तब तक भारतीय पक्ष को ऐसा कोई भी कदम उठाने से बचना चाहिए जिससे हालात और खराब होने की स्थिति बने।
After 7 decades of dithering on establishing border connectivity in Northeast, India under Modi ji’s leadership initiated massive infra building (videos of top notch highway infra in AP👇) & proposed Arunachal Frontier Highway, one of country’s biggest & toughest projects. pic.twitter.com/Z5JVMB5BZS
— MKG_LeoVerse🇮🇳 (Modi Ka Parivar) (@MKG_II_0) November 26, 2022
वहीं, भारत की स्थिति को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के इस बयान से समझा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा था कि 1962 इतिहास है और ऐसा फिर कभी नहीं होगा। तब परिस्थितियां कठिन थीं और क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर खराब था। तब हजारों भारतीय सैनिकों की जान गई थी लेकिन आज हमारी स्थिति बहुत अलग है।
बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा भी करता रहा है जो कि भारत का एक अभिन्न अंग है। इसे लेकर केंद्र का रुख भी एकदम स्पष्ट रहा है और उसने चीन के दावे को कोई अहमियत नहीं दी है। अब इस हाईवे का काम शुरू करके सरकार ने चीन को फिर संदेश दिया है कि भारत अपनी जमीन की रक्षा करने में पूरी तरह समर्थ है और इसको लेकर वह किसी भी बेतुके दावे को भाव नहीं देने वाला है।
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