Akash Missile System : डिफेंस के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना केंद्र सरकार का एक बड़ा लक्ष्य रहा है और इसे लेकर देश ने खासी तरक्की भी की है। अब देश डिफेंस एक्सपोर्ट पर अपना ध्यान फोकस कर रहा है। आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम इसका एक अहम उदाहरण है।
इस स्वदेशी सिस्टम को आर्मीनिया खरीदेगा। लेकिन इसमें रुचि दिखाने वाला यह अकेला देश नहीं है। दक्षिण पूर्वी एशिया, पश्चिमी एशिया, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के कई देशों ने इसमें रुचि दिखाई है। फिलिपंस, वियतनाम और ब्राजील जैसे देश भी इस लिस्ट में हैं।
India became first country to demonstrate the capability of engagement of 04 aerial targets simultaneously at 25Km ranges by command guidance using single firing unit. The test was conducted by @IAF_MCC using Akash Weapon System @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/ut2FDzVd64
— DRDO (@DRDO_India) December 17, 2023
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क्या है आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम
इसे कमजोर क्षेत्रों में हवाई हमलों से बचने के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने विकसित किया है। यह शॉर्ट रेंज का सतह से हवा में मार करने वाला एयर मिसाइल सिस्टम है। भारतीय सेना और वायुसेना में इसे शामिल किया जा चुका है।
डीआरडीओ के अनुसार इस सिस्टम का मैकेनिज्म ऐसा है कि यह उन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स का मुकाबला भी कर सकता है जिनमें डिटेक्शन क्षमता को चकमा देने की खासियत होती है। साथ ही यह ग्रुप मोड में कई टारगेट्स को एक साथ निशाना बना सकता है।

Akash Missile system on display during the full dress rehearsal for the Army Day Parade. (ANI File)
आकाश मिसाइल सिस्टम में एक लॉन्चर, मिसाइलों का एक सेट, एक कंट्रोल सेंटर, एक बिल्टइन मिशन गाइडेंस सिस्टम और कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन व इंटेलिजेंस सेंटर होते है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार देश में ही बना यह सिस्टम 96 प्रतिशत स्वदेशी है।
इसके दो एडवांस्ड वर्जन हैं जिनके नाम आकाश एनदी (न्यू जेनरेशन) और आकाश प्राइम हैं। दोनों की ऑपरेशनल रेंज 27 से 30 किलोमीटर की है और ये लगभग 18 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकते हैं। आकाश प्राइम में एक स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर भी है, जो हवाई टारगेट्स पर हमला करने में इसकी सटीकता को बेहतर करता है।
इन देशों ने दिखाया है इस सिस्टम में इंटरेस्ट
दिसंबर 2020 में केंद्रीय कैबिनेट के आकाश मिसाइल सिस्टम के एक्सपोर्ट को अनुमति दे दी थी। यह फैसला विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में कई मित्र देशों की ओर से इसमें रुचि दिखाई देने के बाद लिया गया था। आर्मीनिया पहला देश होगा जिसे भारत यह सिस्टम एक्सपोर्ट करेगा।

Akash Missile System on display during the Republic Day Parade rehearsal. (ANI File)
फिलीपींस, ब्राजील, इजिप्ट, वियतनाम और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने इसमें रुचि दिखाई है। माना जा रहा है कि दक्षिण पूर्वी एशिया और पश्चिमी एशिया से इसके लिए और ऑर्डर भी भारत को मिल सकते हैं।
क्यों लोकप्रिय हो रहा है यह मिसाइल सिस्टम
डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक रवि कुमार गुप्ता के अनुसार आकाश में जिस तरह की विविधता है वह इसे बाकी सिस्टम्स के अलग बनाती है। अन्य सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें केवल एक निश्चित ऊंचाई और परिस्थिति में काम करती हैं।

A view of dummy models of Surface to Air Guided Weapon Aakash Missile system and Astra Missiles, Rafale fighter jets and LCH Light Combat Helicopter. (ANI File)
बता दें कि आकाश मिसाइल सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कहीं भी काम कर सकता है। इसे अलग-अलग परिस्थितियों के हिसाब से विकसित किया गया है। जिस वजह से यह दुनिया में कहीं भी और कैसी भी स्थिति में काम को अंजाम दे सकता है।
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