War 2 Movie Review: ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर की मोस्ट अवेटेड एक्शन फिल्म सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज हुई इस मूवी का प्लाट देशभक्ति से भरपूर है। साल 2019 में आई वॉर के इस सीक्वल में एक बार फिर ऋतिक रोशन मेजर कबीर धालीवाल बनकर लौटे हैं। जहां पिछली फिल्म का निर्देशन सिद्धार्थ आनंद ने किया था, वहीं इस फिल्म की कमान अयान मुखर्जी के हाथ में है। एक्शन और देशभक्ति से भरपूर इस मूवी को देखने से पहले आप न्यूज 24 का ये रिव्यू जरूर पढ़े। चलिए जानते हैं मूवी की कहानी कैसी है?
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कहानी
वॉर 2 की कहानी कई साल पहले गायब हो चुके मेजर कबीर धालीवाल (ऋतिक रोशन) की वापसी से शुरू होती है। कभी भारतीय खुफिया एजेंसी के बेहतरीन एजेंट रहे कबीर अब देश के सबसे खतरनाक दुश्मनों के साथ मिलकर सामने आए हैं। उनकी बेरहम चालें और पकड़ में ना आने वाली आदत ने सरकार को अलर्ट कर दिया है। उन्हें रोकने का जिम्मा स्पेशल यूनिट ऑफिसर विक्रम (जूनियर एनटीआर) को सौंपा जाता है। विक्रम एक ऐसा जवान होता है जो अपनी रणनीतिक सोच और हौसले के लिए जाना जाता है। विक्रम का मिशन जितना रहस्य से भरा होता है उतना ही उसका अतीत भी रहस्यमय होता है। इस ऑपरेशन में उसका साथ काव्या थापर (कियारा आडवाणी) देती हैं, जिसका मकसद पर्सनल है। वहीं दोनों इस बात से अनजान होते हैं कि कबीर का असली मिशन देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। आगे क्या होता है, ये जानने के लिए आपको सिनेमाघरों में फिल्म देखनी होगी।
मूवी का प्लॉट
हालांकि, एक्शन सीक्वेंस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत हैं। स्पायरो रजातोस, फ्रांज स्पिलहाउस, एन.एल. अरसु, ओह सी यंग, क्रेग मैक्रे और सुनील रोड्रिग्स जैसे एक्शन डायरेक्टर्स ने दमदार सीक्वेंस तैयार किए हैं, जो बड़े पर्दे पर प्रभाव छोड़ते हैं। कहानी की बात करें तो इसमें ज्यादा नयापन नहीं है। आज के दौर में जब वेब सीरीज के जरिए रॉ और खुफिया एजेंट्स की कहानियां यथार्थवादी तरीके से देखने को मिल रही हैं, वॉर 2 का प्लॉट थोड़ा बनावटी और ओवरड्रामेटिक लगता है।
डायरेक्शन
यशराज फिल्म्स के इस बड़े प्रोजेक्ट का जिम्मा इस बार अयान मुखर्जी को सौंपा गया। अयान ने एक्शन-थ्रिलर की दुनिया में कदम तो रखा, लेकिन डायरेक्शन के मामले में वे पूरी तरह प्रभावित नहीं कर पाए। फिल्म में कई जगह एक्टर्स के ओवर-एक्सप्रेशन और ओवर-एक्टिंग देखने को मिलती है। कुछ सीन्स में कहानी बेहद लंबी खिंची और कुछ हिस्से बिल्कुल इल्लॉजिकल भी लगे।
म्यूजिक
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक एक्शन और इमोशनल सीन दोनों में असर छोड़ता है। प्रीतम का म्यूजिक औसत लगा। वहीं गाने सुनने में ठीक हैं, लेकिन थिएटर से बाहर निकलते ही ये गाने याद नहीं रहेंगे।
फाइनल वर्डिक्ट
‘वॉर 2’ देशभक्ति के रंग में रंगी एक हाई-ऑक्टेन एक्शन फिल्म है, जो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज हुई है। एक्शन के शौकीनों के लिए ये फिल्म एक बार देखी जा सकती है, लेकिन दमदार कहानी चाहने वालों को ये निराश कर सकती है। इसे 5 में से 2.5 रेटिंग मिलती है।
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