---विज्ञापन---

Amar Prem Ki Prem Kahani Review: सीरियस मुद्दे में भी फालतू कॉमेडी, कहानी में लॉजिक नहीं सिर्फ मिलेगा टॉर्चर

Amar Prem Ki Prem Kahani Movie Review: सनी सिंह और आदित्य सील की फिल्म 'अमर प्रेम की प्रेम कहानी' की फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर रिलीज हो गई है। चलिए आपको बताते हैं कैसी है फिल्म की कहानी।

Edited By : Himanshu Soni | Updated: Oct 5, 2024 20:36
Share :
Amar Prem Ki Prem Kahani Review
Amar Prem Ki Prem Kahani Review
Movie name:Amar Prem Ki Prem Kahani
Director:Hardik Gajjar
Movie Casts:Sunny Singh, Aditya Seal, Pranutan Bahl

Amar Prem Ki Prem Kahani Movie Review: अगर फिल्मों में फालतू फिल्म ऑफ द ईयर का भी एक अवॉर्ड दिया जाता तो सनी सिंह और आदित्य सील की फिल्म ‘अमर प्रेम की प्रेम कहानी’ को ये खिताब मिल जाता। जी हां बिल्कुल सही सुना आपने। वैसे तो फिल्म थिएटर्स में ना रिलीज होकर ओटीटी पर ही सीधा स्ट्रीम हुई है लेकिन अगर फिल्म देखने के लिए डेढ़ घंटा चला गया तो देखने वालों को उसके भी पैसे मिलने चाहिए। फिल्म काफी हद तक अपनी घिटी-पिटी कहानी के साथ निराश करती है। फिल्म को डायरेक्ट किया है हार्दिक गज्जर ने। फिल्म का सब्जेक्ट काफी अच्छा है। एलजीबीटीक्यू समुदाय के संघर्षों जैसे सीरियस मुद्दे के साथ फिल्म आती है लेकिन पर्दे पर वो एलिमेंट मिसिंग सा लगता है। ऐसा लगता है जैसे सीरियस मुद्दे में भी जबरदस्ती कॉमेडी घुसाने की कोशिश की गई है। चलिए आपको बताते हैं कैसी है फिल्म की कहानी?

कहानी में कोई लॉजिक नहीं

फिल्म को देखते हुए बहुत कोशिश की कि कुछ तो लॉजिकल मिल जाए लेकिन उसी तरह नाकाम रहे जिस तरह कहानी को जिस सीरियसनेस के साथ डायरेक्टर को दिखाना चाहिए था और ऐसा नहीं हो पाया। फिल्म में सनी सिंह ने अमर का किरदार निभाया है जो पंजाबी फैमिली से आता है। पंजाब में पैदा होने वाला अमर लड़कों की तरफ एट्रेक्ट होता है लेकिन अपने परिवार से कह नहीं पाता। हालांकि वो बहुत कोशिश करता है लेकिन समाज के डर से कुछ नहीं बोल पाता।

---विज्ञापन---

अमर अपनी शादी से बचने के लिए और अपनी जिंदगी खुलकर जीने की चाहत में लंदन जाना चाहता है। अमर के प्यार में एक लड़की भी दीवानी है लेकिन वो उसे कोई भाव नहीं देता क्योंकि वो लड़कियों से खुद को दूर ही रखता है। किसी को समझ नहीं आता कि आखिर अमर ऐसा क्यों कर रहा है। यहां तक तो कहानी फिर भी थोड़ा समझ आ जाती है। लेकिन इसके बाद जो भी होता है सब सिर के ऊपर से जाता है।

15 दिन में हो जाता है ‘अमर-प्रेम’

फिल्म के दौरान कई बार ऐसा लगता है कि ये फिल्म एक मजाक से कम नहीं है। लंदन जाते हुए अमर की मुलाकात होती है एक और लड़के से जिसका नाम है प्रेम। प्रेम जिसका किरदार आदित्य सील ने निभाया है। प्रेम एक बंगाली परिवार से आता है, वो भी लड़कों के लिए फील करता है। दोनों की पहली मुलाकात दिल्ली एयरपोर्ट पर होती है और दोनों एक ही फ्लाइट में लंदन जाते हैं। दोनों की मुलाकात कब दोस्ती और 15 दिन में ही प्यार में बदल जाती है कि दोनों एक दूसरे के लिए जीने-मरने की कसमें भी खा लेते हैं।

---विज्ञापन---

पूरी फिल्म में न तो कोई संघर्ष सही से दिखाया जाता है और न ही कोई समस्या। जैसे ही परिवारों को पता चलता है तो वो तुरंत मान भी जाते हैं। फिल्म के लेखक और निर्देशक हार्दिक गज्जर ने शायद किसी फैंटेसी दुनिया में रहकर इस फिल्म को बनाया है। जब अमर का परिवार उसे लंदन से पंजाब वापस बुलाता है तो उसके जाने के 2 घंटे बाद ही प्रेम पागलों की तरह ये पता करता हुआ फिरता है कि कहीं उसकी शादी किसी लड़की से तो नहीं करा दी गई।

प्रेम अलग-अलग हिंदी न्यूज चैनलों को फोन करने लगता है ये पता करने के लिए कि कहीं दिल्ली एयरपोर्ट से पंजाब जाते हुए किसी नौजवान का सड़क एक्सिडेंट तो नहीं हुआ है। ये सीन क्यों ही फिल्म में डाला गया समझ नहीं आता। इस पर ना तो हंसी आती है और ना ही गुस्सा।

कैसा है फिल्म का डायरेक्शन?

फिल्म को देखने के बाद समझ ही नहीं आता कि फिल्म के मेकर्स LGBTQIA+ समुदाय के मुद्दे को दिखाना चाहते हैं या फिर रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ के मुद्दे को ही कॉपी कर लिया गया है। फिल्म कब समलैंगिकता के मुद्दे से इंटरकास्ट के मुद्दे पर पहुंच जाती है, पता ही नहीं चलता। अमर के पंजाबी परिवार और प्रेम के बंगाली परिवार एक दूसरे को एक्सेप्ट ही नहीं कर पाते और यहां से शुरू हो जाता है अमर-प्रेम के लिए एक और संघर्ष। डायरेक्शन के मामले में फिल्म को बेहतर तरीके से दिखाया जा सकता था।

फिल्म में संगीत और परफॉर्मेंस

फिल्म का संगीत और परफॉर्मेंस में भी कुछ खास दम नजर नहीं आता। ये दोनों ही औसत से काफी नीचे है। सनी और आदित्य के बीच प्यार से ज्यादा दोस्ती ज्यादा लगती है। दोनों के बीच वो कैमिस्ट्री में देखने में काफी मिसिंग लगती है।

कुल मिलाकर ‘अमर प्रेम की प्रेम कहानी’ को देखने से बेहतर है कि आप अपना समय कुछ अच्छा करते हुए बिताए। अगर आप समलैंगिकता के मुद्दे पर एक बेहतरीन फिल्म की तलाश में इसे देखेंगे तो निश्चित तौर पर आपके हाथ खाली ही रहेंगे। मनोरंजन के हिसाब से भी फिल्म काफी पिछड़ी हुई नजर आती है।

अमर प्रेम की प्रेम कहानी को 5 में से 1.5 स्टार

यह भी पढ़ें: ‘कपिल के शो से खराब कोई शो नहीं’, Kapil Sharma Show पर राइटर का विवादित बयान

HISTORY

Written By

Himanshu Soni

First published on: Oct 05, 2024 07:26 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें