Dono Review: Sonali Bhadauria – ‘गदर 2’ (Gadar 2) एक्टर सनी देओल (Sunny Deol) के बेटे राजवीर देओल (Rajveer Deol) और पूनम ढिल्लों (Paloma Dhillon) की बेटी पलोमा ढिल्लों (Poonam Dhillon) ने ‘दोनों’ (Dono) से अपना पहला बॉलीवुड डेब्यू दिया है। खास बात ये है कि इस फिल्म से ही निर्देशक सूरज बड़जात्या (Sooraj Barjatya) के बेटे अवनीश बड़जात्या ने भी अपना डायरेक्शन डेब्यू दिया है। दोनों फिल्म की खास बात यह है कि ये फिल्म बाकी रोमांटिक फिल्म से थोड़ी अलग है।
पारिवारिक फिल्में हमेशा से ही राजश्री प्रोडक्शन की पहचान रही हैं। अवनीश ने ही फिल्म की कहानी लिखी है। उन्होंने भी राजश्री की परंपरा का निर्वहन करते हुए पारिवारिक फिल्म दोनों बनाई है। यहां पर भी पिता की पिछली कुछ फिल्मों की तरह शादी का माहौल है, लेकिन ये एकतरफा प्यार में पड़े लड़के की कहानी है, जो अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का साहस नहीं रखता।
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क्या है ‘Dono’ की कहानी?
परिवार से अलग देव सर्राफ (राजवीर देओल) अपने बलबूते बेंगलुरु में अपना स्टार्टअप स्टार्ट करने में लगा है। हालांकि, उनके बिजनेस की सिचुएशन बहुत अच्छी नहीं चल रही है। उसकी बेस्ट फ्रेंड अलीना (कनिका कपूर) की थाईलैंड में डेस्टिनेशन वेडिंग होने वाली है। देव पिछले दस साल से अलीना से प्यार करता है, लेकिन उससे अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाया है।
इस शादी में शामिल होने मेघा (पलोमा) और उसका एक्स ब्वॉयफ्रेंड गौरव (आदित्य नंदा) भी मुंबई से आते हैं। दोनों दूल्हे के करीबी दोस्त हैं। थाईलैंड पहुंचने पर मेघा और देव का परिचय होता है। फिल्म में संवाद है कि नया चैप्टर तभी शुरू होता है, जब तुम पन्ना पलटोगे। देव और मेघा अपने पुराने रिश्तों से निकल कर नई शुरुआत कर पाएंगे? कहानी यही दिखाती है।
अवनीश का डायरेक्शन
पिता सूरज बड़जात्या के नक्शे कदम पर चलते हुए अवनीश ने भी शादी का माहौल चुना है। शादी की परंपराओं और रीति रिवाजों को वो थाईलैंड ले गए हैं। इस बार डेस्टिनेशन वेडिंग है तो थाईलैंड की प्राकृतिक खूबसूरती से भी वाकिफ होते हैं। एकतरफा प्रेम में जूझते देव का दर्द, मेघा की अपने पुराने रिश्ते को लेकर कशमकश, शादी के बाद लड़की से उम्मीदें जैसे विषयों को अवनीश ने सहजता से चित्रित किया है।
देव और मेघा के किरदारों के जरिए पुराने रिश्ते से मुक्ति पाने की बात की है, जो उन्हें जीवन में कोई खुशी नहीं दे रहे हैं। जब वो इन रिश्तों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ेंगे तो जिंदगी बदलेगी। यही संदेश देने की उन्होंने कोशिश की है। हम आपके हैं कौन की तरह यहां पर भी दोनों पक्षों के बीच क्रिकेट मैच है।
युवाओं को केंद्र में रखकर लिखी गई कहानी में कोई नया पहलू नहीं है। पहले भी कई फिल्मों में रिश्तों के बनने और बिखरने की कहानी सामने आई है। अवनीश की कहानी सिंपल है, लेकिन बांधने में कामयाब रहती है। ‘दोनों’ से वो साबित करते हैं कि राजश्री की विरासत को आगे बढ़ाने की उनमें प्रतिभा है। 156 मिनट की इस फिल्म को एडिटिंग से थोड़ा छोटा किया जा सकता था।
Rajveer Deol और Paloma Dhillon का डेब्यू
गदर 2 से बॉक्स ऑफिस पर गदर मचा रहे सनी देओल ने अपने बड़े बेटे करण को अपने होम प्रोडक्शन तले बनी फिल्म पल पल दिल के पास से लांच किया था, जबकि उनके दूसरे बेटे राजवीर को राजश्री प्रोडक्शन ने लांच किया है। राजवीर ने देव के एकतरफा प्रेम की तड़प, और अपनी भावनाओं को व्यक्त न कर पाने की दशा को बखूबी से दिखाया है। देव की भूमिका में वो जंचे हैं। पिता की तरह राजवीर भी अभिनय की दुनिया में चमकने वाले हैं।
कहा जाए तो नई पीढ़ी के कलाकारों की जमात में उनमें स्टार बनने के सभी गुण नजर आते हैं। पूनम ढिल्लों की बेटी पलोमा की बात करें तो वो भी अपने टैलेंट को साबित करती हैं। उनकी आवाज उनके किरदार को और दमदार बनाती हैं। उन्होंने आज के दौर की मेघा के अंदर चल रही पहेली और देव की ओऱ अट्रैक्शन को दिखाया है।
अलीना के किरदार में कनिका कपूर का काम अच्छा है। फिल्म का खास अट्रैक्शन चिरंजन दास की सिनेमेटोग्राफी है। उन्होंने थाईलैंड की सुकून देने वाली लोकेशंस को खूबसूरती से कैमरे में कैद किया है। वहीं शंकर एहसान लॉय का म्यूजिक बेहतरीन है। हालांकि, ये राजश्री की पिछली फिल्मों के मुकाबले उतनी इंपैक्टफुल नहीं है।