Saif Ali Khan: इन दिनों सैफ अली खान और उनका परिवार लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। सैफ का परिवार भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्ला खान की संपत्ति को लेकर भी चर्चाओं में बना हुआ है। सैफ अली खान और उनके परिवार को इस संपत्ति का मालिकाना हक मिलेगा या सरकार इन्हें ‘शत्रु संपत्ति’ के तहत जब्त कर लेगी, इस पर सवाल खड़े हो गए हैं। लेकिन आपको बताते हैं आखिर ‘शत्रु संपत्ति’ क्या होती है और ये पूरा मामला क्या है।
क्या है पूरा मामला?
भोपाल का ऐतिहासिक अहमदाबाद पैलेस, फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस और इसके आसपास की जमीन इन दिनों विवादों में घिरी हुई है। केंद्र सरकार ने इन संपत्तियों को ‘शत्रु संपत्ति’ घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये तब हुआ जब सरकार ने साल 2015 में कस्टोडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया यानी सीईपीआई के दस्तावेज के आधार पर ये दावा किया कि भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान जाने के कारण उनकी संपत्तियां शत्रु संपत्ति की श्रेणी में आती हैं।
On the attack on actor #SaifAliKhan, Addl CP West, #Mumbai, Paramjit Dahiya, says, ‘We have found many oral, physical, and technical evidences against the accused… We have caught the right person.’ Watch pic.twitter.com/8ydPLeyLJb
— The Times Of India (@timesofindia) January 28, 2025
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सैफ की दादी साजिदा सुल्तान की बहन थीं आबिदा
आबिदा सुल्तान सैफ अली खान की दादी साजिदा सुल्तान की बहन थीं जो कि साल 1950 में पाकिस्तान चली गईं। सरकार का कहना है कि आबिदा के पाकिस्तान जाने के बाद इन संपत्तियों को ‘शत्रु संपत्ति’ घोषित किया जा सकता है। इस दावे के खिलाफ सैफ अली खान और उनके परिवार ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 13 दिसंबर 2024 को अपना फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि इस मामले की सुनवाई के लिए एक अपीलीय प्राधिकरण गठित किया जाएगा। कोर्ट ने सैफ अली खान और उनके परिवार को सरकार के दावे के खिलाफ अपील करने का मौका दिया है।
सैफ के परिवार का क्या कहना?
इस मामले पर भोपाल के जिलाधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने निजी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और कोर्ट के आदेश के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे विवाद पर भोपाल के निवासी अब्दुल्ला खान का कहना है कि ‘भोपालियों के लिए ये एक अहम मुद्दा है। उन्होंने कहा कि भोपाली हमेशा अपनी आन, बान और शान की रक्षा करते हैं और जब इस पर सवाल उठेगा तो हम पीछे नहीं हटेंगे।’
सैफ अली खान और उनके परिवार का कहना है कि आबिदा सुल्तान ने अपने पिता के जीवित रहते हुए ही भोपाल रियासत की संपत्तियों पर अपना अधिकार छोड़ दिया था। इसी वजह से ये संपत्तियां ‘शत्रु संपत्ति’ के दायरे में नहीं आतीं।
भोपाल नवाब के संपत्तियों के मामले में सरकार की स्थिति की पड़ताल करते हुए इतिहासकार सिकंदर मलिक ने कहा कि ये विवाद नया नहीं है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पहले भी शत्रु संपत्तियों को लेकर मामले उठ चुके हैं। साल 1968 में भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और चीन के नागरिकों द्वारा भारत में छोड़ी गई संपत्तियां शत्रु संपत्ति घोषित की जाती हैं।
शत्रु संपत्ति अधिनियम क्या है?
शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 में लागू हुआ था, जिसके तहत पाकिस्तान और चीन के नागरिकों द्वारा भारत में छोड़ी गई संपत्तियाँ ‘शत्रु संपत्ति’ मानी जाती हैं। इन संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास होता है और इन्हें निजी व्यक्तियों को नहीं सौंपा जा सकता।
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