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हॉरर-कॉमेडी से लबालब है Munjya, फिल्म देखने से पहले पढ़ें रिव्यू

Munjya Review: हॉरर-कॉमेडी फिल्म 'मुंजा' ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। फिल्म देखने से पहले आप इसका रिव्यू पढ़ सकते हैं। साथ ही ये भी कि ये फिल्म कैसी है और इसकी कहानी क्या है और किसलिए आप इसे देखने थिएटर जा सकते हैं?

Edited By : Nancy Tomar | Updated: Jun 7, 2024 14:43
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Munjya
Munjya
Movie name:Munjya
Director:Aditya Sarpotdar
Movie Casts:Sharvari, Abhay Verma, Mona Singh, Sathyaraj, S Satyaraj, Anay Kamat

Munjya Review: हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘मुंजा’ को लेकर लोगों में पहले से ही एक्साइटमेंट नजर आ रही थी। वहीं, अब फिल्म रिलीज हो चुकी है और सुपरनेचुरल यूनिवर्स की ब्रांड न्यू कहानी ‘मुंजा’ सिनेमाघरों में आ चुकी है। वैसे तो हर फिल्म की कहानी अपने आपमें कुछ ना कुछ कहती है, लेकिन “मुंजा” को सुपरनेचुरल यूनिवर्स क्यों कहा जा रहा हैं? अगर आपको भी इसके बारे में जानना है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं।

क्या है फिल्म की कहानी?

अगर फिल्म ‘मुंजा’ की कहानी की बात करें तो इसकी शुरुआत पुणे से होती है, जहां बिट्टू यानी अभय वर्मा अपनी मां (मोना सिंह) और दादी के साथ उनका पार्लर चला रहा होता है। बिट्टू को अपने बचपन की दोस्त बेला (शर्वरी) से प्यार है, लेकिन दोनों में ऐज गैप होता है। जी हां, उम्र में थोड़ी बड़ी होने के कारण वो अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाता है। वहीं, बिट्टू के कजिन की सगाई के सिलसिले में सबको उनके गांव कोंकण जाना पड़ता है, जहां बिट्टू को पता चलता है कि उनके पिता का निधन मुंजा की वजह से होता है।

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बिट्टू के पीछे पड़ जाता है मुंजा

बिट्टू चीटूकवाडी (मुंजा का निवास स्थान) जाता है, जहां मुंजा, बिट्टू के पीछे पड़ जाता है और उसके साथ पुणे तक आ जाता है। अब भई जब मुंजा, बिट्टू के पीछे पड़ जाता है और मुंबई तक चला जाता है, तो लोगों के मन में उसकी कहानी जानने के लिए भी सवाल उठते हैं। अगर मुंजा की कहानी की बात करें तो भई मुंजा बिट्टू की दादी का सगा भाई होता है। मुंजा को तंत्र मंत्रा में काफी रुचि होती है और उसे गांव की लड़की मुन्नी से प्यार होता है।

क्या बिट्टू अपनी बेला को मुंजा के हवाले कर देगा?

मुन्नी की शादी किसी और से होते देख मुंजा बर्दाश्त नहीं कर पाता और वो काला जादू कर और अपनी ही बहन की बली चढ़ा कर मुन्नी को वापस पाना चाहता है। इसी दौरान अपनी बहन से हाथापाई के दौरान मुंजा मारा जाता है, जिसके बाद वो अपने ही ब्लडलाइन के लोगों को परेशान करता है, जिससे वो मुन्नी से दोबारा शादी कर पाए। इधर मुन्नी की ही पोती है बेला और पुणे में जवान मुन्नी जैसी दिखने वाली बेला पर मुंजा का दिल आ जाता है और अब वो उस से शादी करना चाहता है, तो क्या बिट्टू अपनी बेला को मुंजा के हवाले कर देगा या अपने प्यार को पाने के लिए मुंजा को खुद से दूर करेगा, ये जानने के लिए आपको अपने नजदीकी सिनेमाघर का रुख करना पड़ेगा।

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डायरेक्शन, म्यूजिक और राइटिंग 

वहीं, अगर इस कहानी की डायरेक्शन की बात करें तो मुंजा की कमान दिनेश विजान ने डायरेक्टर आदित्य सरपोतदार को दी है। अब क्योंकि कहानी कोंकण की हैं इसलिए दिनेश ने आदित्य को ये दारोमदार दे कर अच्छा काम किया है। पूरे 121 मिनट की फिल्म को आदित्य ने अच्छे तरीके से डायरेक्ट किया है। कोंकण की डिटेलिंग और लोककथा को फिल्म के शुरुआत में अच्छे से दर्शाया गया है। हालांकि डायरेक्टर बीच में कंफ्यूज करने लगे कि आखिर इस फिल्म का असली जॉनर क्या है? राइटिंग और एडिटिंग के मामले में राइटर योगेश चन्देकर और एडिटर मोनीषा बलदवा थोड़े ढीले पड़ गए हैं। फिल्म को क्रिस्प रखने के बजाए थोड़ा लंबा कर दिया गया हैं। क्लाइमेक्स में मुंजा के साथ हो रहे सीक्वेंस थोड़ा खींचता हुआ नजर आएगा।

एक्टिंग कैसी है?

इस फिल्म में अगर एक्टिंग की बात करें तो भई मुख्य 4 कलाकार, अभय वर्मा, मोना सिंह, शरवरी और खुद मुंजा हैं। फिल्मे के लीड एक्टर के रूप में अभय वर्मा ने पूरी फिल्म को अपने कंधे पर उठा रखा है। पूरी फिल्म को अभय ने मासूमियत के साथ निभाया है। फिल्म में उनके एक्सप्रेशन और एक्टिंग कमाल की है। शरवरी जब जब पर्दे पर नजर आई हैं छा गई हैं। बंटी और बबली 2 के बाद शरवरी को एक नए अंदाज में देखना किसी ट्रीट से कम नहीं है। उन्होंने अपने एक्टिंग, एक्सप्रेशन और डायलॉग डिलीवर से बता दिया है कि अब वो रुकने वाली नहीं हैं। हां, फिल्म में उनके अभय के मुकाबले कम सीन्स है और फिल्म देखने के बाद आप भी कहेंगे कि शरवरी के और सीन्स होने चाहिए थे। बिट्टू की मां के किरदार में मोना सिंह ने कमाल का काम किया है और उनकी कॉमिक टाइमिंग की वजह से आप हंसने पर मजबूर हो जाएंगे। फिल्म के शुरुआत में मुंजा के किरदार को निभाने वाले बच्चे ने भी कमाल का काम किया है।

फाइनल वर्डिक्ट

फिल्म सिर्फ सुनने और कहने में हॉरर सुपरनेचुरल कॉमेडी है, लेकिन इस फिल्म को बच्चों के साथ भी देखी जा सकती है। फिल्म को अगर भूतिया फिल्म सोच कर देखने जाएंगे, तो निराश होंगे क्योंकि इसमें कई जगह आपको कॉमेडी भी देखने को मिलेगी। अभय-मोना-शर्वरी की दमदार एक्टिंग और कॉमेडी के साथ मुंजा के हॉरर के लिए ये फिल्म देखी जा सकती है।

फिल्म को मिलते है- तीन स्टार।

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HISTORY

Written By

Nancy Tomar

First published on: Jun 07, 2024 02:07 PM

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