Mission Raniganj Review, अश्विनी कुमार: आज से लगभग ढ़ाई सौ साल पुरानी ब्रिटिश तकनीत के मूलभूत तरीके आज भी दुनियाभर के कोयला खदानों में इस्तेमाल किए जाते हैं। भारत में पहली कोयला खदान ‘रानीगंज’ में ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम करने वाले ब्रिटिश अधिकारियों ने शुरू की थी। अब शुरुआत ब्रिटिश अधिकारियों ने की थी तो जाहिर सी बात है पूरी व्यवस्था वहीं से ली गई थी। भले ही भारत और इंग्लैंड की इन खदानों में किलोमीरों की दूरी हो, लेकिन एक समानता थी और वह थी इनमें होने वाली दुर्घटना। तकरीबन 18 साल पहले रानीगंज में 1989 में महज 2 दिनों में जमीन में 350 फीट नीचे फंसे 65 मजदूरों की जान बचाई गई थी। इस खदान दुर्घटना से लोगों को बचाने वाले असली हीरो थे जसवंत सिंह गिल। अक्षय कुमार की फिल्म ‘मिशन रानीगंज’ इसी घटना और इसके असली हीरो के जीवन पर आधारित है।
कैसी है फिल्म की कहानी
अक्षय कुमार की फिल्म ‘मिशन रानीगंज: द ग्रेट भारत रेस्क्यू’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म के जरिए एकबार फिर से अक्षय कुमार और परिणीति चोपड़ा धमाल मचाने के लिए तैयार हैं। फिल्म की कुछ यूं है कि जसवंत सिंह गिल (अक्षय कुमार) अपनी पत्नी निर्दोष (परिणीति चोपड़ा) के साथ रानीगंज आते हैं। दरअसल जसवंत सिंह कोलकाता के रानीगंज के कोल इंडिया लिमिटेड में बतौर रेस्क्यू इंजीनियर काम कर रहे थे। जब माइन में हुए ब्लास्ट के बाद खदान में पानी भर गया, तब जमीन के नीचे फंसे 71 लोगों को बचाने की जिम्मेदारी जसवंत ने अपने कंधों पर ली, लेकिन मिशन शुरू होने से पहले ही छह मजदूरों ने दम तोड़ दिया था। हालांकि जसवंत किस तरह से इस मुश्किल मिशन पूरा करते हैं, यह जानने के लिए आपको थिएटर में फिल्म देखनी होगी।
अक्षय कुमार ने जमाया रंग
तकरीबन छह से ज्यादा फ्लॉप फिल्में देने के बाद अक्षय कुमार की किस्मत उनकी पिछली फिल्म ओएमजी 2 के जरिए बदली है। हालांकि उस फिल्म में पंकज त्रिपाठी की उम्दा कलाकारी थी। लेकिन मिशन रानीगंज अक्षय कुमार की सोलो फिल्म है। अक्षय कुमार ने सरदार की भूमिका में जसवंत सिंह गिल का किरदार बेहतरीन तरीके से निभाया है। इससे पहले भी अक्षय कुमार बायोपिक ड्रामा में काम कर चुके हैं, लेकिन इस फिल्म में उन्होंने जो रंग दिखाया है, वह वाकई तारीफ के काबिल है। फिल्म में परिणीति चोपड़ा ने अक्षय कुमार की गर्भवती पत्नी का रोल निभाया है।
सहायक कलाकारों की उम्दा अदाकारी
आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘लगान’ की तरह निर्देशक सुरेश टीनू देसाई ने यहां भी सहायक कलाकारों की एक लंबी फौज कहानी को संभाले रखने के लिए अपने साथ ली है और, उन्हें इसमें मदद भी खूब मिलती है। फिल्म में परिणीति और अक्षय के अलावा कुमुद मिश्रा, पवन मल्होत्रा, वरुण बडोला, दिब्येंदु भट्टाचार्य, राजेश शर्मा, वीरेंद्र सक्सेना, अनंद महादेवन, जमील खान, सुधीर पांडे, रवि किशन जैसे उम्दा कलाकार हैं। फिल्म कुछ जगह हंसाती है तो कुछ जगह रुलाती भी हैं। फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है दर्शकों को अपनी सीट से हिलने का मौका तक नहीं देती और मूवी के आखिरी 30 मिनट कमाल के हैं।
कमजोर संगीत
इस फिल्म के गाने की बात करें तो फिल्म के गाने कुछ खास नहीं हैं, लेकिन इसका बैकग्राउंड म्यूजिक बेहतरीन है। फिल्म की शुरुआत और अंत पता होने के बावजूद आप इससे कनेक्ट होते हैं और यही टीनू देसाई की सबसे बड़ी सफलता है।
मिशन रानीगंज को 3 स्टार।