हिंदी सिनेमा के कई नाम ऐसे हैं, जो एक समय पर बेहद पॉपुलर हुआ करते थे। वक्त के साथ-साथ इनकी पॉपुलैरिटी तो कम नहीं हुई लेकिन ये गुमनामी की ओर बढ़ गए। आज हम आपको बॉलीवुड की पहली ग्रेजुएट हीरोइन के बारे में बता रहे हैं, जो अपने समय पर बेहद मशहूर थी, लेकिन आखिरी समय में वो गुमनाम-सी हो गई थीं। आइए जानते हैं कि कौन थीं ये एक्ट्रेस?
कौन थी बॉलीवुड की पहली ग्रेजुएट हीरोइन?
बॉलीवुड की पहली ग्रेजुएट हीरोइन कोई और नहीं बल्कि एक्ट्रेस लीला चिटनिस थीं। आज 14 जुलाई को लीला चिटनिस की डेथ एनिवर्सरी है। लीला चिटनिस हिंदी सिनेमा की वो एक्ट्रेस थी, जिन्होंने हमेशा अपने काम से लोगों का दिल जीता। आज के लोगों के लिए वो किसी प्रेरणा से कम नहीं थीं। लीला ने फिल्मी दुनिया में कदम तब बढ़ाया था, जब महिलाएं बहुत कम फिल्मों में आया करती थी।
हिंदी सिनेमा की ‘डचेस ऑफ डिप्रेशन’
लीला ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, तो उन्होंने हीरोइनों के रोल की पूरी परिभाषा को ही बदल दिया क्योंकि पहले के टाइम पर एक्ट्रेसेस कम ही फिल्मों में आती थी और उनका काम या तो रोने का होता था या फिर वो सुंदर दिखने के लिए पर्दे पर आती थी। लीला ने इन सभी चीजों को पीछे छोड़ा और आगे बढ़ी। लीला ने पर्दे पर निरुपा रॉय या सुलोचना से पहले करुणामयी मां का रोल अदा किया और उन्हें हिंदी सिनेमा की ‘डचेस ऑफ डिप्रेशन’ और पहली ग्रेसफुल मां का सम्मान मिला।
गुमनामी के अंधेरे में लीला
लीला का करियर तो बेहद शानदार रहा, लेकिन निजी जिंदगी में उन्हें अकेलापन खलता रहा। अपने आखिरी समय में लीला अमेरिका के एक वृद्धाश्रम में रहती थी। इस दौरान वो अपने देश से हजारों मील दूर गुमनामी के अंधेरे में दूर अकेले ही मर गई थी। जब लीला 16 साल की थी, तब उनकी शादी हो गई थी। इसके बाद वो अपने डॉक्टर पति के साथ विदेश रहने चली गई थी।
पति से लिया तलाक
विदेश जाने के बाद लीला ने चार बेटों को जन्म दिया। हालांकि, बाद में उन्होंने पति से तलाक ले लिया और वो वापस मुंबई आ गई थी। मुंबई आने के बाद उन्होंने स्कूल में नौकरी की और अपने बच्चों की जिम्मेदारी उठाई। इसके बाद उन्होंने बहुत मेहनत की और उनकी कई फिल्में आईं। 1930 में ग्रेजुएशन करना एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती थी।
14 जुलाई को हुआ था लीला का निधन
जैसे-जैसी लीला की उम्र घट रही थी, तो उन्हें मां के रोल मिलने लगे थे। साल 1970 में लीला ने फिर देश छोड़ दिया था और वो अपने बच्चों के पास चली गई थीं। लीला के बच्चे अमेरिका में रहते थे और साल 2003 में 14 जुलाई के दिन एक नर्सिंग होम में लीला ने अपनी आखिरी सांस ली थी।
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