हिंदी न्यूज़/एंटरटेनमेंट/'लग जा गले कि फिर ये हंसी रात हो ना हो', किस पर फिल्माया गया था 4 मिनट 18 सेकंड का ये मशहूर गाना?
‘लग जा गले कि फिर ये हंसी रात हो ना हो’, किस पर फिल्माया गया था 4 मिनट 18 सेकंड का ये मशहूर गाना?
Lag Ja Gale Song Starcast: 'लग जा गले कि फिर ये हंसी रात हो ना हो', ये गाना आपने जरूर सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं इस गाने को किस पर फिल्माया गया था। अगर नहीं, तो चलिए आपको बताते हैं।
Edited By : Himanshu Soni | Updated: Feb 6, 2025 12:42
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Lag Ja Gale Song Starcast
Lag Ja Gale Song Starcast: दिग्गज गायिका लंता मंगेशकर ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपना अहम योगदान दिया। लता दीदी ने अपने सिंगिंग करियर में एक से बढ़कर एक कई बेहतरीन गाने गाए, जो बहुत ज्यादा पॉपुलर हुए। ‘लग जा गले कि फिर ये हंसी रात हो ना हो’ भी इन्हीं गानों में से एक गाना था जो आज भी संगीतप्रेमियों के दिलों में बसा हुआ है। इस गाने को लता दीदी ने अपनी आवाज देकर हमेशा के लिए सदाबहार बना दिया। क्या आप जानते हैं इस गाने के अभिनेता और अभिनेत्री आखिर कौन हैं। आखिर किस पर फिल्माया गया था ये गाना, चलिए आपको बताते हैं।
साल 1964 में आई फिल्म
साल 1964 में एक फिल्म आई थी जिसका नाम था-‘वो कौन थी’। 1964 में बनी हिंदी सस्पेंस फिल्म वो कौन थी’, जिसका निर्देशन राज खोसला ने किया था। ये फिल्म साधना और राज खोसला की सस्पेंस तिगड़ी की पहली फिल्म थी। इसके बाद इस जोड़ी ने ‘मेरा साया’ और ‘अनीता’ जैसी फिल्में भी बनाई। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में साधना और मनोज कुमार थे। लता दीदी द्वारा गाए इस गाने में साधना और मनोज कुमार ही थे। 4 मिनट 18 सेकंड का ये रोमांटिक गाना इन्हीं दोनों पर ही फिल्माया गया था।
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गाने ने हासिल की बेशुमार लोकप्रियता
गाने ‘लग जा गले’ का संगीत शंकर जयकिशन ने दिया और गीत शैलेन्द्र ने लिखा। इस गाने को किसी विशेष अवॉर्ड्स नहीं मिले क्योंकि ये उस समय अवॉर्ड्स सिस्टम से पहले आया था। फिर भी ये गाना लता मंगेशकर की गायकी और लोकप्रियता की वजह से आज भी मशहूर है।
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कैसी है फिल्म की कहानी?
फिल्म ‘वो कौन थी’ की शुरुआत एक तूफानी रात से होती है, जब डा. आनंद यानी मनोज कुमार अपनी कार से जा रहे होते हैं और रास्ते में एक लड़की (साधना) मिलती है। लड़की बिना कोई सवाल किए डा. आनंद की कार में बैठ जाती है, इस शर्त पर कि वो उन्हें उनके गंतव्य तक छोड़ देंगे। अचानक कार के वायपर्स बंद हो जाते हैं, लेकिन लड़की उन्हें रास्ता दिखाती है।
जब डा. आनंद लड़की से खून के बारे में पूछते हैं, तो वो बताती है कि उसकी उंगली ब्लेड से कट गई है। रास्ते में लड़की एक कब्रिस्तान में गायब हो जाती है। बाद में डा. आनंद की मानसिक स्थिति पर सवाल उठते हैं और उनकी शादी संध्या नाम की लड़की से होती है, जो उसी लड़की से मिलती-जुलती लगती है। धीरे-धीरे डा. आनंद को संध्या के बारे में कुछ राज पता चलते हैं और वो उसे बचा लेते हैं। अंत में उन्हें समझ आता है कि संध्या की जुड़वा बहन इस सारी साजिश के पीछे थी।