---विज्ञापन---

सुरों की मल्लिका Lata Mangeshkar को बहुत पसंद थी यह मिठाई, इन चीजों से भी कभी नहीं किया परहेज

Lata Mangeshkar Birthday: भारत रत्न से सम्मानित और स्वर कोकिला का नाम से मशहूर दिग्गज गायिका लता मंगेशकर की आज बर्थ एनिवर्सरी है। लता जी का जन्म इंदौर में हुआ था, उन्होंने अपने गाने की शुरुआत 1940 में कर दी थी। उस वक्स वह सिर्फ 11 साल की थीं। 1943 में मराठी फिल्म ‘गजाभाऊ’ में […]

Edited By : Nidhi Pal | Sep 28, 2023 07:00
Share :
lata mangeshkar
image credit: google

Lata Mangeshkar Birthday: भारत रत्न से सम्मानित और स्वर कोकिला का नाम से मशहूर दिग्गज गायिका लता मंगेशकर की आज बर्थ एनिवर्सरी है। लता जी का जन्म इंदौर में हुआ था, उन्होंने अपने गाने की शुरुआत 1940 में कर दी थी। उस वक्स वह सिर्फ 11 साल की थीं। 1943 में मराठी फिल्म ‘गजाभाऊ’ में उन्होंने हिंदी गाना ‘माता एक सपूत की दुनिया बदल दे’ को आवाज दी थी। यह उनका पहला गाना था। 2001 में उन्हें भारत रत्न और 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। लता जी का स्वभाव इतना सरल था कि सब उनको दीदी कहकर पुकारते थे।

यह भी पढ़ें: इस मलयालम फिल्म को भारत की ओर से Oscar 2024 में मिली ऑफिशियल एंट्री, जानें कैसी है इसकी कहानी

---विज्ञापन---

छोटी उम्र में संभाली जिम्मेदारी

30 हजार से अधिक गाने गा चुकी लता मंगेशकर तकरीबन 7 दशकों तक संगीत और बॅालीवुड के साथ हर सिनेमा के संगीत में एकल राज किया है। लता जी मानती थीं वह अपने पिता की वजह से सिंगर हैं, क्योंकि उन्होंने जो भी सीखा है, वह अपने पिता से ही सीखा था। पिता की मौत के बाद लता ने ही परिवार की जिम्मेदारी संभाली और अपनी बहन मीना के साथ मुंबई आकर मास्टर विनायक के लिए काम करने लगीं। 13 साल की उम्र में उन्होंने 1942 में ‘पहिली मंगलागौर’ फिल्म में एक्टिंग की। कुछ फिल्मों में उन्होंने हीरो-हीरोइन की बहन के रोल किए हैं, लेकिन एक्टिंग में उन्हें कभी मजा नहीं आया।

---विज्ञापन---

ऐसे मिला पहला ब्रेक

लता जी ने पहली बार रिकॉर्डिंग की ‘लव इज ब्लाइंड’ के लिए, लेकिन यह फिल्म अटक गई। संगीतकार गुलाम हैदर ने 18 साल की लता को सुना तो उस जमाने के सफल फिल्म निर्माता शशधर मुखर्जी से मिलवाया। शशधर ने साफ कह दिया था कि यह आवाज बहुत पतली है, नहीं चलेगी। फिर मास्टर गुलाम हैदर ने ही लता को फिल्म ‘मजबूर’ के गीत ‘अंग्रेजी छोरा चला गया’ में गायक मुकेश के साथ गाने का मौका दिया। यह लता जी के लिए पहला बड़ा ब्रेक था, इसके बाद उन्हें काम की कभी कमी नहीं हुई। बाद में शशधर ने अपनी गलती मानी और ‘अनारकली’, ‘जिद्दी’ जैसी फिल्मों में लता से कई गाने गवाए।

एक दिन में आठ गाने करती थीं रिकॉर्ड

लता जी के बारे में कहा जाता है कि वह एक दिन में आठ-आठ गाने रिकार्ड करती थीं। दो गाने सुबह, दो गाने दोपहर, दो गाने शाम और दो गाने रात में गाती थीं। कई बार ऐसा होता था कि वो सुबह घर से निकलतीं और देर रात दो-तीन बजे तक घर पहुंच पाती थीं। खाने-पीने का भी कोई ठिकाना नहीं रहता था। कई बार तो ऐसा होता था कि गाने की रिकार्डिंग हो जाती थी और बाद में बताया जाता था कि रिकार्डिंग ठीक नहीं हो पाई तब फिर से गायक को बुलाया जाता था।

कभी नहीं किया आइक्रीम से परहेज

लता जी खाने-पीने की बड़ी शौकीन थीं। करियर के सुनहरे दिनों में वो गाना रिकॉर्ड करने से पहले आइसक्रीम खा लिया करती थीं और अचार, मिर्च जैसी चीजों से भी उन्होंने कभी परहेज नहीं किया। कहा जाता है कि लता जी को केसर जलेबी का स्वाद काफी भाता था। वह हमेशा ही इसे शौक से खाती थीं और कभी भी परहेज नहीं करती थीं।

HISTORY

Written By

Nidhi Pal

First published on: Sep 28, 2023 07:00 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें