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करण ओबेरॉय दुष्कर्म केस में आया नया मोड़, पूजा बेदी को राहत नहीं, क्या है पूरा मामला?

एक्टर करण ओबेरॉय के रेप केस में अब कोर्ट ने नया आदेश दे दिया है। इस मामले में पूजा बेदी समेत 7 और लोगों को कोई राहत नहीं मिली है। क्या है पूरा मामला, चलिए आपको बताते हैं।

Author Edited By : Himanshu Soni Updated: Apr 8, 2025 16:30
karan Oberoi Rape Case
karan Oberoi Rape Case

अभिनेता करण ओबेरॉय के रेप केस में अब एक नया मोड़ सामने आया है। इस केस से जुड़ी एक अहम खबर ने एक बार फिर से सबका ध्यान खींचा है। इस बार मामला एक्ट्रेस और सोशल एक्टिविस्ट पूजा बेदी से जुड़ा है। मुंबई की सेशंस कोर्ट ने पूजा बेदी समेत सात और लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही जारी रखने का आदेश दिया है। ये मामला रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने से जुड़ा है। क्या है पूरा मामला, चलिए आपको बताते हैं।

पूजा बेदी पर क्या है आरोप?

मामले की शुरुआत साल 2019 में हुई थी, जब करण ओबेरॉय पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था। इसके कुछ ही दिनों बाद पूजा बेदी ने अपने घर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें दूसरे साथी भी मौजूद थे। आरोप है कि इस प्रेस मीट के दौरान पीड़िता की पहचान और उससे जुड़ी कई निजी बातें सार्वजनिक कर दी गईं। ये भारतीय कानून की धारा 228ए का उल्लंघन माना गया, जो रेप पीड़िताओं की पहचान को गोपनीय रखने की सख्त बात करता है।

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कौन-कौन हैं शामिल?

इस केस में सिर्फ पूजा बेदी ही नहीं, बल्कि अनवेशी जैन, चैतन्य भोसले, वर्के पटानी, गुरबानी ओबेरॉय, शेरिन वर्गीज, सुधांशु पांडे और वकील दिनेश तिवारी जैसे नाम भी शामिल हैं। अंधेरी की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ पहले ही कार्यवाही शुरू कर दी थी। अब सेशंस कोर्ट ने भी इनकी अपील को खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि मामला ट्रायल के लिए आगे बढ़ेगा।

कोर्ट का बड़ा बयान

कोर्ट का मानना है कि अगर एक भी व्यक्ति ने पीड़िता का नाम लिया और बाकी लोग उस बयान में शामिल थे या उसे समर्थन दे रहे थे, तो सभी को समान रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। वहीं, आरोपियों का दावा है कि उनकी मंशा गलत नहीं थी और ना ही उन्होंने जानबूझकर कोई नियम तोड़ा। लेकिन कोर्ट ने इन सभी दलीलों को ट्रायल के समय साबित करने की बात कहकर इस समय कोई राहत नहीं दी।

कब और कैसे शुरू हुआ विवाद?

बताया जाता है कि 5 मई 2019 को हुई उस प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो आज भी कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद है। यही वीडियो पुलिस की जांच का आधार बना। इसके बाद 2021 में कोर्ट ने पूजा बेदी समेत सभी आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने और जांच शुरू करने का आदेश दिया था।

बचाव पक्ष ने क्या दलील दी?

दरअसल साल 2022 में पूजा बेदी और दूसरे आरोपियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर कार्यवाही रद्द करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि हर किसी की भूमिका समान नहीं थी और सभी की मंशा भी अलग थी। हालांकि, कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रायल में ही तय होगा कि कौन कितना दोषी है। फिलहाल, सभी आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश होना होगा और कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा।

फिलहाल क्या है स्थिति?

फिलहाल सभी आरोपियों पर कार्यवाही जारी रहेगी और केस ट्रायल की दिशा में बढ़ेगा। इस मामले ने एक बार फिर बॉलीवुड से जुड़े विवादों को उजागर कर दिया है, जहां मीडिया और सार्वजनिक मंच पर बयानबाजी से जुड़े नियमों का पालन ना करना भी बड़ी कानूनी परेशानी का कारण बन सकता है। आगे देखना ये होगा कि अदालत में किसके पक्ष में फैसला आता है और किसे राहत मिलती है। लेकिन तब तक, सभी की निगाहें इस केस पर टिकी रहेंगी।

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Edited By

Himanshu Soni

First published on: Apr 08, 2025 04:30 PM

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