पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना के बाद देश भर में आक्रोश की लहर है। इसी के साथ एक बार फिर ये बहस तेज हो गई है कि क्या पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए। इसी मुद्दे पर मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने अपनी राय खुलकर सामने रखी है।
जावेद अख्तर ने रखी अपनी राय
पीटीआई से बातचीत में जावेद अख्तर ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंध हमेशा से एकतरफा रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर बताया कि भारत ने कई पाकिस्तानी कलाकारों को खुले दिल से अपनाया, लेकिन बदले में वैसा ही स्वागत भारतीय कलाकारों को वहां कभी नहीं मिला। उन्होंने खासतौर पर लता मंगेशकर का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि जो गायिका पाकिस्तान में भी उतनी ही लोकप्रिय थीं, उन्हें वहां कभी मंच क्यों नहीं मिला?
VIDEO | When asked about whether Pakistani artists should be allowed in India, lyricist Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) says, “The first question should be whether we should allow the Pakistani artists here. There are two answers, both of them are equally logical. It has been a… pic.twitter.com/ox9b3CfbLy
— Press Trust of India (@PTI_News) April 29, 2025
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लता दीदी का नाम लेते हुए कही अपनी बात
जावेद अख्तर ने कहा, ‘लता जी को वहां के लोग प्यार करते थे, उनके लिए पाकिस्तान के बड़े शायरों ने गीत लिखे, फिर भी उन्होंने पाकिस्तान में कभी एक परफॉर्मेंस नहीं दी। मुझे लोगों से कोई शिकायत नहीं है, पर वहां का सिस्टम समझ नहीं आता। ये पूरी तरह से एकतरफा ट्रैफिक है।’
इस चर्चा के बीच पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ को भारत में रिलीज की अनुमति नहीं दी गई है। वाणी कपूर के साथ फवाद खान की ये फिल्म 9 मई को रिलीज होने वाली थी, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए इसे भारत में बैन कर दिया गया है।
पाकिस्तान के रवैये पर उठाए सवाल
जावेद अख्तर ने ये भी कहा कि अगर भारत पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाता है, तो इससे वहां के कट्टरपंथियों को ही ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘ये वही लोग हैं जो भारत और पाकिस्तान के बीच दूरी चाहते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या हम उन लोगों को खुश करने के लिए ये कदम उठा रहे हैं?’
हालांकि, जावेद अख्तर ने अपनी बात को संतुलित रखते हुए कहा कि इस समय जो हालात हैं, उसमें पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में अनुमति देना सही नहीं होगा। उन्होंने तर्क दिया कि जब तक दोनों देशों में समान स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान नहीं होता, तब तक इसे एकतरफा मोहब्बत ही कहा जाएगा, जो किसी भी रिश्ते की नींव नहीं हो सकती।
जावेद के बयान पर आए लोगों के रिएक्शन्स
गौरतलब है कि इससे पहले भी भारत में गुलाम अली, नुसरत फतेह अली खान और फैयाज़ अहमद फैज़ जैसे कलाकारों को खूब सराहा गया है। लेकिन भारतीय कलाकारों को पाकिस्तान में वैसा मंच या सम्मान कभी नहीं मिला।
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। कई लोग जावेद अख्तर की बातों से सहमत हैं, तो कुछ इसे वक्त की मांग के खिलाफ बता रहे हैं। हालांकि, एक बात साफ है-सांस्कृतिक रिश्तों की बहाली से पहले बराबरी और पारस्परिक सम्मान जरूरी है।
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