Hansal Mehta Post For Mukul Dev: पॉपुलर एक्टर मुकुल देव के निधन से टीवी और बॉलीवुड जगत को गहरा सदमा लगा है। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री मुकुल देव के निधन से हिल गई है। बड़े-बड़े एक्टर्स, डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स मुकुल देव की मौत की खबर सुनकर शॉक्ड रह गए हैं। आज एक्टर सलमान खान ने भी मुकुल के दुनिया से जाने पर दुख जताया था। वहीं, अब फिल्ममेकर हंसल मेहता का पोस्ट सामने आया है। हंसल मेहता ने मुकुल देव की याद में एक लम्बा-चौड़ा पोस्ट शेयर करते हुए, उनके साथ अपना एक्सपीरियंस शेयर किया।
हंसल मेहता ने किया दोस्त मुकुल देव को याद
हंसल मेहता ने मुकुल देव की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, ‘जैसे-जैसे इस नुकसान का बोझ बढ़ता जा रहा है, मुझे एहसास हो रहा है कि मैं अपने दोस्त मुकुल के बारे में अभी भी बहुत कुछ कहना चाहता हूं। मुझे मुकुल की बहुत याद आएगी। हमारे इनसाइड जोक्स पर उसकी जोरदार हंसी, कहानी कहने की उसकी बेजोड़ प्रतिभा, वो बेमिसाल आवाज… उन्होंने मेरी दो रिलीज नहीं हुई फिल्मों और एक टीवी शो में एक्टिंग की थी- किसी तरह इन सबकी छाया में, हम बहुत करीब आ गए। हम शराब, टूटे दिलों और इस मूर्खतापूर्ण उम्मीद के साथ जुड़े कि एक दिन सब कुछ समझ में आ जाएगा। सालों तक हम जिम बडीज थे, एक-दूसरे को अभ्यास और पछतावे के जरिए आगे बढ़ाते थे।’
मुकुल देव के अकेलेपन पर किया खुलासा
फिल्ममेकर ने आगे लिखा, ‘मुकुल बेहद हैंडसम थे- उनकी मौजूदगी स्टेडियम को जगमगा सकती थी। उनका चार्म कमरे को मंत्रमुग्ध कर सकता था। उनके पास वो सब था जो लोग सिर्फ सपने देखते हैं: एक बेहतरीन लॉन्च, बड़े डायरेक्टर्स, मशहूर को-स्टार्स। उनके पास लुक, टैलेंट और खानदान था। लेकिन उनका करियर छूटे हुए अवसरों और लगभग सफल सफलताओं का कलेक्शन बन गया। एक कहानी जो हो सकती थी। ‘क्या होगा अगर’ की एक तार। और मुझे लगता है कि ये क्या होता अगर की बातों ने उनकी आत्मा को तोड़ दिया। धीरे-धीरे, चुपचाप, उन्होंने उसे हार और हार की भावना से भर दिया- एक ऐसा दर्द जो अक्सर शराब में ही आराम पाता था। हंसी और बहादुरी के पीछे एक आदमी था, जो अपने उन सपनों के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए स्ट्रगल कर रहा था, जो पूरे नहीं हो पाए।’
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मुकुल देव की उदासी का हंसल मेहता को था अहसास
हंसल मेहता ने आगे बताते हुए कहा, ‘वो एक लेखक भी थे। उन्होंने मुझे 2003 में ओमेर्टा की कहानी दी थी। जब भी हम बात करते, तो वो हंसते हुए कहते, ‘हंसी, क्या फिल्म बनाई है यार। इंटरनेशनल। सोच भी नहीं सकता था कि ऐसी फिल्म में मुझे राइटिंग क्रेडिट मिलेगा।’ उस क्रेडिट ने उन्हें महसूस कराया कि उन्हें देखा जा रहा है। सम्मान दिया जा रहा है। मान्यता दी जा रही है। काश कि हमने साथ में और काम किया होता। आखिरी बार हमने कुछ महीने पहले बात की थी। वही हंसी, वही फेक फिरोज खान वाला लहजा, जो हम हमेशा एक-दूसरे के साथ इस्तेमाल करते थे। लेकिन हंसी के पीछे, मुझे कुछ भारीपन महसूस हुआ- एक शांत उदासी, निराशा की हवा, एक तरह का अकेलापन जिसे उसने कभी शेयर नहीं किया। अच्छा से जाओ, मेरे खूबसूरत, टूटे हुए, शानदार दोस्त। फिर मिलेंगे।’