Actor-Director Mirza Masood Death: छत्तीसगढ़ के मशहूर रंगकर्मी और निर्देशक मिर्जा मसूद का निधन हो गया है। मिर्जा मसूद आकाशवाणी में वरिष्ठ उद्घोषक भी रहे थे। 80 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। रात 3 बजे के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली। वो काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने कई नाटकों में काम किया। फिलहाल वो अपने परिवार के साथ इंदौर में रह रहे थे। जानकारी के मुताबिक उनके पार्थिव शरीर को इंदौर से रायपुर लाया जा रहा है। उनके निधन की खबर सुनकर कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
इस दिन सुपुर्द-ए-खाक होंगे मिर्जा मसूद
आपको बता दें शनिवार को मिर्जा मसूद को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। उन्होंने खेल जगत समेत कई क्षेत्रों में अपनी शानदार कमेंट्री से लोगों का दिल जीता था। उनकी आवाज के लाखों दीवाने थे। उनके सुनने वालों की कोई कमी नहीं थी। उन्होंने आकाशवाणी में भी अपनी आवाज दी है। मिर्जा मसूद ने आकाशवाणी में उद्घोषक के तौर पर लंबा वक्त गुजारा। मिर्जा मसूद ने रंगमंच के क्षेत्र में अपना जीवन बिताया। कई लोगों को उन्होंने अपना मुरीद बनाया।
मिर्जा मसूद का बेहतरीन काम
रंगकर्म के क्षेत्र में मिर्जा मसूद ने कई शानदार कार्यक्रमों और नाटकों का डायरेक्शन किया। उन्होंने ‘कबीरा खड़ा बाजार में’, ‘जहाज फूट गया है’ , ‘जंगीराम की हवेली’ , ‘जुलूस’ , ‘बकरी’, ‘लोककथा 78’ , ‘जिन लाहौर नई वेख्या’ , ‘जांच पड़ताल’ , ‘गोदान’ , ‘कालिगुला’ और ‘कैम्प’ जैसे नाटकों का डायरेक्शन कर काफी तारीफ बटोरी। उनके काम के लिए हमेशा उन्हें प्रशंसा मिली।
मिर्जा मसूद को सम्मान
मिर्जा मसूद को उनके बेहतरीन काम के लिए छत्तीसगढ़ राज्य शासन की तरफ से चक्रधर सम्मान और चिन्हारी सम्मान भी दिया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें दिल्ली के नेशनल नाट्य विद्यालय में भी विशेष सम्मान मिला है।
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