Bigg Boss OTT 3 Sai Ketan Rao Gets Emotional: बिग बॉस में इन दिनों खेल उस मुकाम पर पहुंच गया है जहां बस कुछ दिनों में हमें शो का विनर मिल जाएगा। फिनाले से महज कुछ दिन दूर फैंस भी अब काफी बेताब हैं ये जानने के लिए कि किसके हाथ में बिग बॉस की ट्रॉफी आएगी। वहीं घर के अंदर कंटेस्टेंट्स काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं, हर किसी को जीतना है। कुछ कंटेस्टेंट्स अपनी जिंदगी के उन स्ट्रगल्स को याद कर रहे हैं जो उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए किए। शिवानी कुमारी भी लेटेस्ट एपिसोड में हमें अपनी कहानी बताते हुए नजर आईं। वहीं साई केतन राव जो अक्सर अपने इमोशन्स को छिपाकर चलते हैं वो भी अरमान मलिक के साथ अपने दिल की बात करते हुए दिखाई दिए। साई केतन ने उन पलों को याद किया जब वो एक्टिंग की दुनिया से दूर अपने और परिवार की जिम्मेदारियां उठाने के लिए काम कर रहे थे। वो किस तरीके से कुछ पैसे कमाते थे ताकि वो अपने परिवार का ध्यान रख सकें, वो उन्होंने अब शेयर किया है। चलिए इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं साई केतन राव ने क्या कुछ कहा है।
Sai Ketan Rao talked about his early struggles when he worked as a pamphlet distributor and as a waiter in local hotel.
---विज्ञापन---He said, “I used to distribute pamphlets on the road in Hyderabad around 2012-13. They used to pay less than Rs 200-300. I would wake up at 3:30AM and go to…
— #BiggBoss_Tak👁 (@BiggBoss_Tak) July 25, 2024
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सड़कों पर पैम्पलेट्स बेचते थे साई केतन
साई केतन राव के पिता बचपन में ही उन्हें उनकी मां और बहन के पास छोड़कर चले गए थे। साई केतन सिर्फ 6 साल के थे जब उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हुए थे। उस वक्त से ही साई का जीवन काफी मुश्किलों भरा रहा। साई केतन की मां ने उन्हें और उनकी बहन को पाला। ना जाने कितने दिन वो लोग रेलवे स्टेशन पर सोते रहे क्योंकि उनके पास ना रहने के लिए छत थी और ना ही खाने के लिए खाना। अपनी इस संघर्ष भरी कहानी को खुद साई केतन दीपक चौरसिया समेत कुछ कंटेस्टेंट्स को शेयर कर चुके हैं। इसी तरह से अब साई ने अपनी जिंदगी के कुछ और पलों को भी शेयर किया है। अरमान मलिक से बात करते हुए साई केतन ने बताया कि हैदराबाद में पैसे कमाने के लिए उन्होंने सड़कों पर पैम्पलेट्स तक बेचे हैं। इसके लिए उन्हें करीब 100-200 रुपये मिलते थे। वो रोज सुबह 4 बजे उठ जाते थे ताकि सबसे पहले जाकर पैम्पलेट्स ले आएं जिसके बाद वो पूरा दिन घूम-घूमकर उन्हें बेचते थे।
होटल में वेटर की जॉब भी करते थे साई
इसके बाद साई ने बताया कि वो पार्क और पब्लिक एरिया में जाया करते थे वहां जो भी लोग आते थे वो सबको पैम्पलेट्स बेचते थे, हालांकि ज्यादातर को लोग उनके पैम्पलेट्स को डिसकार्ड ही कर देते थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो उनकी तरफ या पैम्पलेट की तरफ देखते तक नहीं थे वो उनके हाथ से लेते थे और बिना देखे उसे फेंक देते थे। अरमान मलिक को साई केतन ने बताया कि इसके बाद वो सुबह करीब 9 बजे तक घर वापस जाते थे और इसके बाद पैसे कमाने के लिए वो वेटर का काम भी करते थे। साई ने कहा कि वो शिफ्ट के हिसाब से किसी दिन वेटर का काम करते थे तो किसी दिन वो कैशियर बन जाते थे।
इमोशनल हुए साई केतन राव
अपनी स्टोरी को सुनाते हुए साई केतन राव काफी इमोशनल हो गए। उन्होंने अपनी कहानी बताने के लिए कहा कि घर में जो बाकी कंटेस्टेंट्स हैं क्या उन्होंने इतना संघर्ष किया होगा। क्या वो लोग इतना कुछ सहन करके इस घर में आए हैं जितना मैंने सहन किया है।
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