Nandamuri Taraka Rama Rao: फिल्म इंडस्ट्री के कई सितारे ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी लाइफ में खूब मेहनत की है। अपने संघर्ष से ही उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। कुछ सितारों की लाइफ तो सिनेमाजगत तक ही रह जाती है, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो किसी और क्षेत्र में खुद को आजमाते हैं। अब अगर आज की बात करें तो इन दिनों फिल्मी सितारे राजनीति में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
चुनावी मैदान में फिल्मी सितारे
अभिनेत्री कंगना रनौत, गोविंदा, अरुण गोविल, हेमा मालिनी जैसे सितारे राजनीति में कदम रख चुके हैं। ऐसा पहली बार नहीं है कि जब फिल्मी सितारे चुनावी मैदान में हैं। जी हां, समय-समय पर स्टार्स को राजनीति में देखा गया है। आज हम आपको एक ऐसे ही फिल्म सितारे के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ना सिर्फ पर्दे तक सीमित रहे बल्कि उन्होंने राजनीति में भी अपना दम दिखाया। आइए आपको बताते हैं कि वो सुपरस्टार कौन थे?
सीनियर एनटीआर
दरअसल, हम बात कर रहे हैं Jr. NTR के दादा नंदमुरी तारक रामा राव की। जी हां, सीनियर एनटीआर के नाम से मशहूर Jr. NTR के दादा भले ही आज हमारे बीच नहीं हों, लेकिन उनका संघर्ष आज भी हम सबके बीच है। अपने करियर में 400 से भी ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले नंदमुरी तारक जब राजनीति में आए, तो उनके लिए ये राह भी आसान नहीं थी। जी हां, अगर सीनियर एनटीआर के बारे में लिखने वाली पत्रकार एस. वेकंट नारायण की मानें तो उन्होंने बताया है कि प्रचार अभियान के लिए सीनियर एनटीआर ने 70 दिनों की यात्रा शुरू की थी, तो ये राह उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं थी।
सीनियर एनटीआर को देखने के लिए उमड़ती थी लोगों की भारी भीड़
वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई ने अपनी किताब में भी इनका जिक्र किया है। महात्मा गांधी को छोड़कर इतिहास में किसी भी इंसान का इतनी गर्मजोशी से वेलकम नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि जो इंसान कभी साइकिल पर घर-घर जाकर दूध सप्लाई करता था, जब उन्होंने अपनी यात्रा निकाली तो उन्हें देखने के लिए हर नुक्कड़, हर गली-मोहल्ले में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती थी। करीब 3 करोड़ लोगों ने इस दौरान सीनियर एनटीआर को देखा और सुना था और ये अपने-आप में इतिहास है। किसी और इंसान ने इस तरह से राज्य में कभी यात्रा नहीं निकाली। सीनियर एनटीआर एक ऐसे इंसान थे जिन्होंने अपनी भाषण कला से इतने ज्यादा लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी ऐसी जगह बना ली थी कि उनके लिए कोई भी कुछ भी करने के लिए तैयार था।
लाइफ में की खूब मेहनत
वेकंट नारायण के अनुसार, सीनियर एनटीआर बहुत ही सिंपल इंसान थे। जब वो जवान थे तो उन्होंने हर रोज की जरूरतें पूरी करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। उन्होंने ना सिर्फ घरों में दूध सप्लाई किया बल्कि मुंबई के एक मेस में भी काम किया। हालांकि इस काम से उनको कुछ फायदा नहीं हुआ और इसके बाद उन्होंने वापसी करने की सोची और फिर उन्होंने विजयवाड़ा आकर तंबाकू, बीड़ी और सिगरेट का काम शुरू किया। इसके अलावा सीनियर एनटीआर 64 रुपये महीने के वेतन पर कोर्ट अटेंडेंट का काम भी करने लगे। इसके बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में किस्मत आजमाने का फैसला लिया और उन्होंने पहला रोल निभाया पुलिस अधिकारी का, जो साल 1949 में आई फिल्म माना देशम का था। इस रोल के लिए सीनियर एनटीआर को 500 रुपये मिले थे। ना सिर्फ हीरो बल्कि उन्होंने विलेन के रोल में भी खूब वाहवाही लूटी। बता दें कि साल 1949 से 1982 के बीच सीनियर एनटीआर 292 फिल्मों में काम कर चुके थे।
सीनियर एनटीआर ने हमेशा जीता लोगों का दिल
अब सीनियर एनटीआर बन चुके थे ब्रैंड एनटीआर। उन्होंने अपने करियर में करीब 17 बार कृष्ण का रोल निभाया और वो राम भी बने। साल 1977 में फिल्म दाना वीरा सूरा कर्ण में उन्होंने कर्ण का रोल निभाया और उन्होंने दुर्योधन और कृष्ण के रोल से भी फिल्म में खूब तारीफ हासिल की। इसके बाद जब सीनियर एनटीआर ने राजनीति में कदम रखा तो ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करने वाला एक शख्स उनका इस कदर दीवाना था कि उनकी पहली जनसभा में उन्होंने लोगों को पहुंचाने के लिए 40 ट्रक लगा दिए और इसके लिए कोई पैसा भी चार्ज नहीं किया। सीनियर एनटीआर एक ऐसे अभिनेता और राजनेता थे, जिन्होंने लोगों को एक अलह राह दिखाई और जीवन की सच्चाई से वाकिफ कराया। आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन लोगों के दिलों में आज भी उनकी छवि बसी हुई है।
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