उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा फैसला लेते हुए 1.93 लाख शिक्षकों की भर्ती की योजना बनाई है। यह विशाल भर्ती अभियान तीन चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसमें हर चरण में लगभग 65,000 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। यह कदम राज्य के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने के लिए उठाया गया है।
तीन चरणों में होगी नियुक्ति
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को प्रभावी और व्यवस्थित बनाने के लिए योगी सरकार ने इसे तीन अलग-अलग चरणों में विभाजित किया है। हर चरण में करीब 65,000 शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि यह पूरी प्रक्रिया मार्च 2026 तक सफलतापूर्वक पूरी कर ली जाए।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मिली मंजूरी
दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ आयोजित प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB) की बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की थी। इस योजना में शिक्षक भर्ती के साथ-साथ अन्य शैक्षिक सुधारों को भी शामिल किया गया। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की इस योजना को मंजूरी दे दी है, जिससे इस भर्ती अभियान को आधिकारिक समर्थन मिल गया है। यह पूरा अभियान सर्व शिक्षा अभियान के तहत होगा, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों का संयुक्त सहयोग रहेगा।
पारदर्शिता और समयबद्धता की होगी प्राथमिकता
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध हो। इसके लिए एक डिजिटल रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें आवेदन से लेकर परीक्षा और काउंसलिंग तक की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूरी की जाएंगी। इससे न सिर्फ प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि समय की भी बचत होगी।
शिक्षा व्यवस्था में लाया जाएगा सुधार
इस शिक्षक भर्ती का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। खासकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में, जहां पर शिक्षकों की कमी का सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ता है। इस भर्ती से शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर शिक्षण अनुभव प्राप्त होगा।
सरकार पिछले कुछ वर्षों में स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल शिक्षा, और शिक्षक प्रशिक्षण को लेकर पहले ही कई कदम उठा चुकी है। अब इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती से राज्य की शिक्षा प्रणाली को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
योगी सरकार का यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इससे न केवल बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि प्रदेश की नई पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी सुनिश्चित होगी। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह प्रक्रिया कितनी सुचारू, निष्पक्ष और समय पर पूरी होती है।