आज के समय में बहुत से मां-बाप अपने बच्चे में अनुशासन लाने के लिए उसका एडमिशन आर्मी या मिलिट्री स्कूल में कराना चाहते हैं। इसके लिए कॉम्पिटिशन भी काफी ज्यादा है। मिलिट्री स्कूल में हर साल लाखों मां-बाप अपने बच्चे के एडमिशन के लिए अप्लाई करते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही बच्चों को मिलिट्री स्कूल में पढ़ने का मौका मिलता है। हर साल राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों में कक्षा 6 और कक्षा 9 में एडमिशन के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं, और इन स्कूलों में सेना के बच्चों के अलावा आम आदमी के बच्चों को भी एडमिशन दिया जाता है।
CBSE से है एफिलिएटेड
बता दें कि राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल पूरी तरह से आवासीय पब्लिक स्कूल हैं, जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्धित हैं और रक्षा मंत्रालय के मार्गदर्शन में कार्य करते हैं। अगर आप भी अपने बच्चे का एडमिशन देश के इन टॉप मिलिट्री स्कूलों में कराना चाहते हैं, तो आप एडमिशन लेने का पूरा प्रोसेस नीचे देख सकते हैं।
देश में कुल 5 राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल
सबसे पहले आपको बता दें कि भारत में कुल 5 राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल हैं, जो चैल (हिमाचल प्रदेश), अजमेर (राजस्थान), बेलगाम (कर्नाटक), बेंगलुरु (कर्नाटक) और धौलपुर (राजस्थान) में स्थित हैं। इन स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को एक एंट्रेंस टेस्ट में शामिल होना होता है, जिसमें छात्रों से मल्टिपल चॉइस ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्न पूछे जाते हैं। इस स्कूलों में केवल कक्षा 6 और कक्षा 9 में ही एडमिशन दिया जाता है।
एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करने पर मिलेगा एडमिशन
कक्षा 6 में एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले छात्रों का मूल्यांकन कक्षा 5 के स्तर की बुद्धिमत्ता, जनरल नॉलेज, मैथ और इंग्लिश के आधार पर किया जाएगा। जबकि कक्षा 9 के आवेदकों का मूल्यांकन कक्षा 8 के स्तर पर इंग्लिश, हिंदी, सोशल साइंस, मैथ और साइंस के आधार पर किया जाता है।
यहां जानें एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
जो छात्र कक्षा 6 के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उनकी आयु 31 मार्च तक 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए। वहीं, कक्षा 9 में एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले छात्र की आयु 31 मार्च तक 13 से 15 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा बता दें कि कक्षा 6 और कक्षा 9 में एडमिशन के दौरान सैन्य कार्रवाई में मारे गए सैनिकों के बच्चों को अधिकतम आयु सीमा में 6 महीने की छूट दी जाती है। वहीं, राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक लड़के और लड़कियों, दोनों को एडमिशन दिया जाता है, लेकिन कक्षा 9वीं में सिर्फ लड़कों के ही एडमिशन होते हैं।