Rabindra Bharati University Kolkata, कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विद्यार्थियों के साथ दुर्व्यवहार के मामले थने का नाम ही नहीं ले रहे। बीते दिनों जहां जादवपुर यूनिवर्सिटी में रैगिंग की एक कथित घटना में एक छात्र की मौत हो चुकी है, वहीं अब कोलकाता स्थित रविंद्र भारती यूनिवर्सिटी भी विवाद में आ गई। यहां के दो प्रोफसरों के खिलाफ पांच छात्राओं ने बदतमीजी का आरोप लगाया है। शिकायत पर गौर करें तो एक को प्रोफेसर की कथित वाहियात हरकत के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट देने तक की नौबत आ गई। जानें, क्या है पूरा मामला…
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अंतरिम कुलपति शुभ्रकमल मुखर्जी ने तत्काल दिया एंटी रैगिंग सेल को कार्रवाई करने का निर्देश
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सिंथी थाने की पुलिस भी दो प्रोफेसरों के खिलाफ केस दर्ज करके आगे की जांच में जुटी
मिली जानकारी के अनुसार कोलकाता की रविंद्र भारती यूनिवर्सिटी में हिंदी विभाग में पढ़ रही पांच छात्राओं ने बीते दिन कुलपति, रजिस्ट्रार और छात्र अधिष्ठाता से मुलाकात की है। इस दौरान इन छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसर्स पर ज्यादती का आरोप लगाया है। अपनी शिकायत में इन छात्राओं ने बताया कि फेल कर दिए जाने के बाद जब ये प्रोफेसर से बात करने गई तो वहां प्रोफेसर के रवैये के चलते बहस की नौबत आ गई। उसी दौरान वहां पुरुष छात्र आए, जिन्होंने उन्हें (शिकायतकर्ताओं को) धक्के मारकर वहां से भगा दिया।
इतना ही नहीं, एक छात्रा की तो यहां तक शिकायत है कि उसके सीने में इतनी जोर से मुक्का मारा गया कि उसे तुरंत यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर में भर्ती कराने की नौबत आ गई। ऑक्सीजन देनी पड़ी। बाद हालत सामान्य होने पर एंबुलेंस के जरिये घर भेजा गया।
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उधर, सूत्रों से पता चला है कि इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए अंतरिम कुलपति शुभ्रकमल मुखर्जी ने तत्काल एंटी रैगिंग सेल को जांच करने और कड़ी कार्रवाई का निर्देश दे दिया है। इसके बाद इस संबंध में सिंथी थाने में भी शिकायत दर्ज हो गई है और पुलिस ने आगे की छानबीन शुरू कर दी है।
यहां इस मामले में दिलचस्प बात यह भी है कि एक ओर छात्राओं ने न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक प्रताड़ित किए जाने का भी आरोप लगाया है, वहीं दूसरी ओर संबंधित प्रोफेसर इस तरह की किसी घटना से साफ इनकार कर रहे हैं। आरोपी प्रोफेसरों में से एक अंबर चौधरी ने छात्राओं के उनके (प्रोफेसर चौधरी के) घर आकर उन्हें घेर लेने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इन छात्राओं के अड़ियल रवैये की वजह से परेशान होकर उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि रैगिंग जैसी कोई घटना नहीं हुई है।