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शिक्षा

कौन थे IAS डॉ. श्रीकांत जिचकर? जिनके पास IPS, MBBS और MD समेत 20 डिग्रियां

India most qualified Shrikant Jichkar Profile: डॉक्टर श्रीकांत जिचकर, जो IAS भी थे और IPS भी। इससे पहले उनके पास MBBS, LLB, MBA, MJMS जैसी बड़ी करीब 20 डिग्रियां थीं। पढ़ाई के दौरान जिचकर ने कई बार प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की और कई स्वर्ण पदक जीते। 25 साल की उम्र में डॉ. जिचकर ने लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Vijay Jain Updated: Aug 3, 2025 20:13
dr shrikant jichkar

India most qualified Shrikant Jichkar Profile: MBBS, MD, IAS, IPS, LAW, MBA, PhD जैसीं 20 बड़ी डिग्रियां। हर 6 महीने में एक नई परीक्षा, एक नई डिग्री। अगर जुनून हो तो सब मुमकिन है। ये कहानी है डॉ. श्रीकांत जिचकर की, जिनके नाम पर भारत के सबसे ज़्यादा पढ़े-लिखे व्यक्ति होने का रिकॉर्ड है। उन्होंने सिर्फ पढ़ाई नहीं की।

उन्होंने हर डिग्री के पीछे मेहनत, समर्पण और सीखने के जूनून को जिया। जब दुनिया एक डिग्री के लिए 5 साल लगाती है, उन्होंने खुद को हर 6 महीने में नया इंसान बना लिया। 28 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा विधायक भी बने और संसद में बैठकर देश की सेवा की। 2004 में एक सड़क हादसे में उनका निधन हो गया।

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भारत के सबसे एजुकेटेड इंसान थे Dr. Shrikant Jichkar

एजुकेशनल बैकग्राउंड के चलते Dr. Shrikant Jichkar को विभिन्न फील्ड जैसे मेडिसिन, कानून, पत्रकारिता, इतिहास और पॉलिटिकल साइंस में भी महारत हासिल थी। नॉर्मली अधिकांश लोग पूरी जिंदगी में एक या दो डिग्री ले पाते हैं। वहीं, डॉ. जिचकर ने 42 यूनिवर्सिटीज से 20 डिग्रियां हासिल कीं। नागपुर में 14 सितंबर 1954 को जन्में श्रीकांत ने तकरीबन हर बड़ी डिग्री MBBS, LLB, MBA, Journalism, History, and Political Science हासिल की।

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25 साल की उम्र में कई स्वर्ण पदक जीते

25 साल की उम्र में डॉ. जिचकर ने लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया। पढ़ाई के दौरान जिचकर ने कई बार प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की और कई स्वर्ण पदक जीते। डॉ. जिचकर एक डॉक्टर और वकील भी थे और सीखने के जुनून के कारण पहले IPS और फिर IAS पास किया।
डॉ. जिचकर ने 1978 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल हुए। उन्होंने 1980 तक इस प्रतिष्ठित सेवा में सेवा की। इसके बाद एक बार फिर UPSC परीक्षा उत्तीर्ण कर वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी बने।

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चार महीने बाद सबसे कम उम्र के विधायक

आईएएस अधिकारी बनने के चार महीने बाद डॉ. जिचकर ने इस्तीफा दे दिया और 26 साल की उम्र में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए। भारत के सबसे कम उम्र के विधायक बने। बाद में वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बने, जहां उन्होंने एक साथ 14 विभागों का कार्यभार संभाला। जिचकर 1986 से 1992 तक महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य भी रहे। इसी साल जिचकर राज्यसभा सांसद (एमपी) के रूप में दिल्ली पहुंचे। बाद में उन्होंने यूनेस्को सहित कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।

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जिचकर दो लोकसभा चुनाव हारे

पेशेवर जीवन में तमाम ऊंचाइयों को छूने के बावजूद जिचकर दो लोकसभा चुनाव हार गए। इनमें एक 1998 में भंडारा-गोंदिया से और 2004 में रामटेक सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पुस्तकों के प्रति उनका प्रेम असाधारण था। उनके निजी पुस्तकालय में 52,000 पुस्तकें थीं, जो इसे भारत के सबसे बड़े पुस्तकालयों में से एक बनाती थीं। इसके अलावा डॉ. जिचकर ने महाराष्ट्र में कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की। जिचकर ने चित्रकला, अभिनय और फोटोग्राफी में भी हाथ आजमाया। डॉ. जिचकर की 2 जून 2004 को कोंढाली के पास एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई

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First published on: Aug 03, 2025 08:13 PM

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