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आखिर क्या कहते हैं भारतीय सेना की वर्दियों के रंग? हर ड्रेस के पीछे छिपा है खास मतलब

भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की वर्दियां उनके कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारियों के अनुसार बदलती हैं। हर रंग और डिजाइन एक विशेष परिस्थिति, अभियान या सुरक्षा रणनीति का प्रतीक होता है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 10, 2025 14:51
indian armed forces uniforms colour

भारत की सेना और अर्धसैनिक बलों में सेवा देने वाले जवानों की वर्दी सिर्फ उनकी पहचान नहीं होती, बल्कि यह उनके कार्य, परिस्थितियों और जिम्मेदारियों को भी दर्शाती है। अलग-अलग रंग और डिजाइन की वर्दियां यह संकेत देती हैं कि जवान किस तरह की ड्यूटी पर हैं – सामान्य, युद्ध, सीमावर्ती या विशेष ऑपरेशन।

कर्नल सोफिया कुरैशी की वर्दी से क्या समझा जा सकता है?

कर्नल सोफिया कुरैशी की वर्दी में किया गया परिवर्तन इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने पहले दिन ऑलिव ग्रीन वर्दी पहनी थी, जो सामान्य ड्यूटी या प्रशासनिक कार्यों के लिए पहनी जाती है। वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कॉम्बैट यूनिफॉर्म (कैमोफ्लैज) पहनी, जो ऑपरेशनल या युद्ध जैसी स्थितियों में उपयोग होती है। इससे साफ जाहिर होता है कि वर्दी का चयन ड्यूटी के प्रकार के अनुसार होता है।

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सेना की वर्दियों के प्रकार और उनके उपयोग

1. सामान्य ड्यूटी वर्दी (ऑलिव ग्रीन)
यह सबसे अधिक सामान्य वर्दी है जो सेना के जवानों द्वारा ऑफिस, ट्रेनिंग या शांति समय की ड्यूटी के दौरान पहनी जाती है। यह रंग प्राकृतिक वातावरण में मेल खाता है और अनुशासन की भावना को दर्शाता है। थल सेना में यह वर्दी लंबे समय से परंपरा का हिस्सा रही है।

2. कॉम्बैट वर्दी (कैमोफ्लैज)
कॉम्बैट वर्दी में प्रायः हरे, भूरे और काले रंगों का मिश्रण होता है, जिसे जंगल, पहाड़ी और दुश्मन से छुपने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह वर्दी ऑपरेशनल, आतंकवाद-रोधी और सीमावर्ती इलाकों में ड्यूटी के लिए उपयोग की जाती है। यह जवान की चाल-ढाल को दुश्मन से छिपाती है।

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3. हाई एल्टीट्यूड वर्दी
सियाचिन जैसे अत्यधिक ऊंचाई और ठंडे क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए थर्मल इंसुलेटेड वर्दियां दी जाती हैं। ये वर्दियां बर्फीले क्षेत्रों में जवानों को ठंड से बचाव और गतिशीलता के लिए विशेष रूप से बनाई जाती हैं।

4. रेगिस्तानी वर्दी
राजस्थान और गुजरात जैसे क्षेत्रों में जवानों द्वारा हल्के रेत के रंग की वर्दियां पहनाई जाती हैं। यह वर्दी रेगिस्तान के वातावरण में ध्यान न खींचने और छुपाव में मदद करती है।

5. काउंटर-इंसर्जेंसी वर्दी
अत्यधिक गतिशीलता और हल्के कपड़े वाली यह वर्दी आतंकवाद-रोधी अभियानों में इस्तेमाल होती है। यह वर्दी जवान को तेजी से चलने, दौड़ने और प्रतिक्रिया देने में सुविधा देती है।

अर्धसैनिक बलों की वर्दियां और उनकी विशेषताएं

1. ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस)
ITBP के जवान हिमालयी सीमाओं पर तैनात होते हैं। इनकी वर्दी मौसम और इलाके के अनुसार बदलती है। यहां कैमोफ्लैज वर्दी और विशेष ऊनी पोशाकें पहनी जाती हैं। इनकी यूनिफॉर्म हिमाचल, उत्तराखंड, लद्दाख जैसे क्षेत्रों में काम करने के लिए उपयुक्त होती है।

2. CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल)
CISF देश की महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों, हवाई अड्डों और मेट्रो सिस्टम की सुरक्षा करता है। इनकी वर्दी अधिकतर नीली या खाकी रंग की होती है, जो आधुनिक और पेशेवर छवि को दर्शाती है। यह वर्दी भीड़ में पहचानने में आसान और अनुशासनिक लुक देती है।

3. RAF (रैपिड एक्शन फोर्स)
RAF की वर्दी विशिष्ट नीले रंग की होती है जिसमें सफेद छापें होते हैं। यह वर्दी दंगा नियंत्रण (Riot Control) और भीड़ प्रबंधन (Crowd Management) जैसे कार्यों में इस्तेमाल होती है। नीला रंग जनता में शांति और नियंत्रण की भावना उत्पन्न करता है।

वर्दियों का चयन क्यों बदलता रहता है?

सैनिक एक ही वर्दी हर समय नहीं पहन सकते। उनके कार्यक्षेत्र, मौसम, ड्यूटी की प्रकृति और स्थान के अनुसार वर्दी का रंग और डिजाइन बदलता है।

– युद्ध क्षेत्र में कैमोफ्लैज

– ऑफिस में ऑलिव ग्रीन

– रेगिस्तान में रेत रंग

– सर्दी में सफेद थर्मल

इन सबका एकमात्र उद्देश्य है – सुरक्षा, पहचान और सामरिक लाभ।

भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की वर्दी सिर्फ एक ड्रेस कोड नहीं है, बल्कि यह ड्यूटी का दर्पण है। हर रंग, हर डिजाइन और हर पैटर्न के पीछे रणनीतिक सोच, सुरक्षा की भावना और राष्ट्रीय सेवा का संकल्प होता है। यह वर्दी जवानों को न सिर्फ पहचान देती है, बल्कि सम्मान और जिम्मेदारी का प्रतीक भी होती है।

First published on: May 10, 2025 11:24 AM

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