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क्राइम

पहले देता था लालच, फिर करवाता था निवेश… ऐसे जाल में फंसाता था 970 करोड़ का ठग, पीड़ित से सुनिए आपबीती

इस ठगी के मास्टरमाइंड रवींद्र सोनी को कानपुर पुलिस ने देहरादून से गिरफ्तार किया है.

Author Edited By : Arif Khan
Updated: Dec 6, 2025 19:14
Crime News
इस ठग ने हजारों निवेशकों के करोड़ों रुपए ठगे हैं.

भारी मुनाफे का लालच देकर 970 करोड़ रुपये लूटने का मामला सामने आया है. ठगी करने वाले इस रैकेट ने अपना कारोबार यूएई समेत कई देशों में फैला रखा था. इस ठगी का माफिया दिल्ली का रहने वाला रवींद्र सोनी है. इसे कानपुर पुलिस ने देहरादून से गिरफ्तार किया है. रिमांड में आरोपी ने कबूल किया है कि वह कई देशों के नागरिकों को झांसे में लेकर करोड़ों रुपये ऐंठ चुका है. जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी कुछ बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के नाम का भी इस्तेमाल करता था. इसके पीछे उसका मकसद लोगों का भरोसा जीतना होता था. इस ठग ने ब्लू चिप समेत कई कंपनियां बना रखी थीं, जिनमें ये निवेश करवाता था. निवेशकों को फंसाने के लिए यह अपनी कंपनी का खूब प्रचार करवाता था.

ठगी माफिया की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद कई जगहों से पीड़ित कानपुर पहुंच रहे हैं. ऐसे ही विशाल नितिन खड़िया नाम के एक पीड़ित दुबई से कानपुर पहुंचे हैं. उन्होंने वहां पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और अपने मामले की जानकारी दी. नितिन ने रवींद्र सोनी की कंपनी ब्लूचिप में करीब एक लाख डॉलर का निवेश किया था.

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मुनाफे का लालच देकर फंसाया

नितिन ने मीडिया से बात करते हुए खुद की आपबीती बताई. नितिन ने बताया, “मैं दुबई में रहता हूं. वहां पर एक कंपनी ब्लू चिप ने मुझसे संपर्क किया. कंपनी ने मुझे निवेश के लिए ऑफर किया. उन्होंने दो से तीन गुना रिटर्न का लालच दिया. फिर मैंने इसके बारे में अपने दोस्त से पूछा. इस कंपनी ने दुबई में पूरी जगह अपना प्रचार किया हुआ था. पूरे बुर्ज खलीफा पर इस कंपनी ने अपना प्रचार-प्रसार करवाया था. मुझे लगा कि ये निवेश का अच्छा मौका है. जिसके बाद मैंने इनकी कंपनी में एक लाख डॉलर निवेश कर दिए. लेकिन दो महीने के बाद ये लोग पैसे लेकर भाग गए.”

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अखबार से चला पता

नितिन ने बताया, “एक दिन मैंने अखबार खोलकर देखा तो उसमें इस कंपनी की धोखाधड़ी के बारे में छपा था. खबर में था कि ब्लू चिप नाम की कंपनी ने यूएई में अपने सारे दफ्तर बंद कर दिए हैं. और कंपनी का मालिक पैसे लेकर फरार हो चुका है. तब हमें पता चला कि हमारे साथ धोखा हो गया.”

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कैसे पहुंचे कानपुर

उन्होंने बताया कि “अकेले यूएई में करीब 600 से 700 लोगों ने इस कंपनी में निवेश किया था. सभी लोग इस कंपनी के मालिक रवींद्र सोनी को ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे थे. किसी ने इसके लिए दुबई सरकार से तो किसी ने भारत सरकार से मदद मांगी. कई लोगों ने इस मामले में एफआईआर और केस दर्ज करवाया. फिर हमें पता चला कि वह कानपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया. फिर हमने अपने सॉर्स के जरिए इस जानकारी को कंफर्म किया. एसीपी से भी बात करके इसकी पुष्टि की कि क्या ये वही ब्लू चिप का मालिक सोनी है. यह कंफर्म होने के बाद हम कानपुर चले आए.”

बना रखी थीं कई कंपनियां

नितिन ने बताया, “इस ठगी के माफिया सोनी ने मुझसे एक दो बार निवेश के सिलसिले में मुलाकात की थी. वह होटलों में ग्रुप इंवेस्टमेंट के लिए मीटिंग करता था. उसने बहुत सारी कंपनियां बना रखी थीं. 10-12 कंपनियों की तो मुझे जानकारी है. उसने कई कंपनियां तो यूएई में खोल रखी थीं. इसके अलावा उसके कंपनी का यूएस लिंक भी सामने आया है. मॉरीशस समेत कई देशों में सेल कंपनियां भी बना रखी थीं. सुनने में आया है कि उसने वो सारा पैसा क्रिप्टो में निवेश कर दिया है. उसका भी उसे दो से तीन गुना फायदा मिला होगा.”

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टेरर फंडिंग का एंगल

जांच में पुलिस को जानकारी मिली है कि कई देशों से रकम ट्रांसफर की गई थी. इसलिए इस मामले में टेरर फंडिंग और नेशनल सिक्योरिटी एंगल से भी जांच की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट केंद्रीय एजेंसियों को भेज दी गई है और लगातार नए पीड़ित सामने आ रहे हैं.

First published on: Dec 06, 2025 06:40 PM

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