कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो… यह कहावत भारतीय कारोबारी आलोक सांघवी पर बिल्कुल फिट बैठती है। आलोक सांघवी भारतीय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी सन फार्मा के कार्यकारी निदेशक हैं। साथ ही, वह सन फार्मा के मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप सांघवी के सबसे बड़े बेटे हैं।। फोर्ब्स के अनुसार, आलोक सांघवी के पिता दिलीप सांघवी 9 सितंबर, 2023 तक 18.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वास्तविक संपत्ति के साथ भारत के दूसरे सबसे अमीर फार्मा अरबपति हैं। यह आज करीब 1,53,780 करोड़ रुपये है।
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कंपनी को 80 देशों में पहुंचाया
आलोक सांघवी ने कंपनी में साल 2006 में काम करना शुरू किया। यहां पर सबसे पहले आलोक ने प्रोडक्ट मैनेजर की पोस्ट संभाली और इसके लिए जी तोड़ मेहनत की। इनकी कोशिश रंग लाई और इसके बाद आलोक ने कंपनी में मार्केटिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट समेत कई चीजों को संभाला।
साल 2010 में उनको बंगालादेश का हेड बनाया गया और साल 2014 तक वह इस पद पर रहे। इसके बाद आलोक ने अपनी कंपनी को दुनियाभर की बड़ी-बड़ी कंपनियों को पछाड़ते हुए एक अलग मुकाम पर पहुंचाया। इन्होंने कंपनी को अफ्रीका, मिडिल ईस्ट समेत 80 देशों में पहुंचाया।
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कंपनी की रियल टाइम वैल्यू ये है
बात करें आलोक सांघवी के एजुकेशन बैकग्राउंड की तो उन्होंने से मिशिगन विश्वविद्यालय से सेल्युलर और जीव विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। उनके पिता दिलीप सांघवी 18.5 बिलियन डॉलर के साथ भारत के दूसरे सबसे अमीर फार्मा बिलियनेयर हैं। सन फर्मा की रियल टाइम वैल्यू में दो लाख 71 हजार करोड़ है और इसके शेयर की कीमत 1,129.15 है।
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4 बिलियन डॉलर में रैनबैक्सी खरीदी
सन फर्मा की स्थापना आलोक सांघवी के पिता ने साल 1983 में गुजरात में की थी। आज के टाइम में यह कंपनी भारत में दूसरी और दुनिया में चौथी सबसे बड़ी फार्मा कंपनी है। आलोक पिता दिलीप सांघवी ने कई अधिग्रहणों करके अपनी कंपनी का विकास किया, जिनमें सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी कंपनी रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज को 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीदार था।