Sony-Zee Merger Plan Collapse: सोनी-जी मर्जर प्लान आखिर क्यों फेल हो गया? देश की एक मेगा मनोरंजन फर्म बनने से पहले क्यों टूट गई? जबकि दोनों कंपनियां 2021 से इस पर काम कर रही थीं और एक दूसरे के नेटवर्क, डिजिटल संपत्ति और प्रोग्राम लाइब्रेरी आदि को साथ मिलाकर काम करना चाहती थीं। जानकारी के अनुसार दोनों कंपनियों के बीच डील होने के बाद कंबाइंड कंपनी का CEO पुनीत गोयनका बनें, कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों की इस पर सहमति नहीं बन सकी।
Sony एन पी सिंह को बनाना चाहती थी मर्जर के बाद सीईओ
पुनीत गोयनका ZEE के संस्थापक सुभाष च्रंदा के बेटे हैं। बताया जा रहा है कि Sony अपने इंडिया मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ एन पी सिंह को मर्जर के बाद अस्तित्व में आने वाली नई कंपनी का सीईओ बनाना चाहती थी। वहीं, इसके लिए सोनी ने SEBI द्वारा जी एंटरटेनमेंट के खिलाफ चल रही जांच को हथियार बनाया। बता दें कि शेयर मार्केट को रेगुलेट करने वाली संस्था सेबी जी एंटरटेनमेंट के खिलाफ फंड का मिसयूज करने के आरोप में जांच कर रही है। आरोप है कि इसका फायदा प्रमोटर परिवार को हुआ है।
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अपनी इस परेशानी को कम करने के लिए साथ आना चाहती थीं कंपनियां
जानकारी के अनुसार Sony-Zee मर्जन प्लान की योजना पहली बार साल 2021 में सामने आई थी। बताया जा रहा है कि मर्जर के बाद दोनों की यह मेगा कंपनी तकरीबन 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कंपनी बन जाती। जानकारों की मानें तो जापान की कंपनी सोनी ने इंडिया में अपने बिजनेस को बढ़ाने और जी ने अपने कर्ज के बोझ को कम करने के मकसद से इस डील में दिलचस्पी दिखाई थी। वहीं, डील कैंसिल होने की खबर के बाद जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के शेयर में गिरावट आई थी। फिर 23 जनवरी को इसका रेट करीब 5 फीसदी तक दोबारा बढ़ गया है।