Silver Prices: चांदी की कीमतों में एक दिन के भीतर ही 17000 से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई है. MCX पर मार्च कॉन्ट्रैक्ट वाली चांदी के दाम में 7.66 फीसदी की उछाल यानी 17145 रुपये की बढ़त देखी गई, जिसके बाद चांदी का भाव 240935 रुपये प्रति किलोग्राम पर चला गया है. इस साल चांदी की कीमतों ने मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड, कम सप्लाई, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में जबरदस्त निवेश, US फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती और आगे और रेट कम होने की उम्मीदों के कारण शानदार रिटर्न दिया है.
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अंतरराष्ट्रीय चांदी की कीमतों में इस साल अब तक 158% की तेजी आई है. दूसरी ओर, घरेलू स्पॉट चांदी की कीमतें 170% बढ़ गई हैं. इसके साथ ही चांदी दुनिया की सबसे वैल्यूबल असेट बनने के बेहद करीब आ गई है.
क्यों बढ़ रही चांदी की कीमतें ?
- डिमांड ज्यादा, सप्लाई कम : चांदी की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी के पीछे यह बेसिक डिमांड-सप्लाई का नियम है. चांदी की डिमांड के कारण सप्लाई में कमी आई है. खानों में भी डिमांड के हिसाब से प्रोडक्शन नहीं हो रहा है. दूसरी ओर सोलर पैनल, EV कारों, सेमीकंडक्टर और एनर्जी इन्वेस्टमेंट से इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ती जा रही है. इसके कारण चांदी की कमी बनी हुई है और कीमतें भाग रही हैं.
- इंडस्ट्रियल डिमांड: चांदी कई उभरते उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है. चांदी सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), 5G/AI इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य क्लीन-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण है. जैसे-जैसे ये सेक्टर बढ़ेंगे, इंडस्ट्रियल डिमांड सप्लाई से ज्यादा हो सकती है, जिससे बाजार और टाइट हो जाएंगे.
- फेड रेट कट : अगले साल US फेडरल रिजर्व के और रेट कट से कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी को सपोर्ट मिल सकता है. 2026 में आसान मॉनेटरी पॉलिसी की उम्मीदें, साथ ही चल रहे डी-डॉलराइजेशन ट्रेंड्स, चांदी रखने की अपॉर्चुनिटी कॉस्ट को कम करते हैं और एक सपोर्टिव मैक्रोइकोनॉमिक माहौल देते हैं.
- सोने और चांदी के बीच का अनुपात : मौजूदा सोने-चांदी का अनुपात लगभग 60 है, जो चांदी की कीमतों के मजबूत परफॉर्मेंस को दिखाता है. सोने-चांदी का अनुपात यह मापता है कि एक यूनिट सोना खरीदने के लिए चांदी की कितनी यूनिट की जरूरत होगी. इसलिए, एक ग्राम सोना खरीदने के लिए, अभी 60 ग्राम चांदी की जरूरत होती है. ऐतिहासिक रूप से, यह अनुपात लगभग 90 के आसपास रहता है.










