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भारत में चांदी की कीमतें आसमान पर, द‍िवाली तक क्‍या और महंगी हो जाएगी चांदी?

Diwali से पहले चांदी की दरें आसमान छू रही हैं. ऐसा लगता है इस द‍िवाली पर सोना छोड़िये, चांदी का स‍िक्‍का खरीदना भी मुश्‍क‍िल होगा. जान‍िये आज क्‍या भाव रहा चांदी का.

Author Written By: Vandana Bharti Author Published By : Vandana Bharti Updated: Oct 14, 2025 18:52

गुड रिटर्न्स के अनुसार, मंगलवार (14 अक्टूबर) को भारत में चांदी की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गईं. दिल्ली में चांदी 1.89 रुपये लाख प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी. आख‍िर में चांदी 6,000 रुपये की बढ़त के साथ 1,85,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो लगातार पांचवें दिन की बढ़त है. पिछले बाजार सत्र में यह सफेद धातु 1,79,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.

क्‍या महंगा होगा द‍िवाली पर चांदी का स‍िक्‍का

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अगर आप द‍िवाली पर चांदी का स‍िक्‍का खरीदने की सोच रहे हैं तो न‍िश्‍चि‍त तौर पर प‍िछले साल के मुकाबले आपको ज्‍यादा खर्च करना होगा. चांदी ज‍िस मूड में है, उसे देखकर यही लगता है क‍ि इसका भाव 2 लाख रुपये का आंकड़ा छू सकता है. हालांक‍ि एक्‍सपर्ट अब भी लोगों को बचकर चांदी में न‍िवेश करने की सलाह दे रहे हैं.

क्‍यों बढ़ रही कीमतें

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वैश्विक बाजारों में, आपूर्ति में कमी, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के चलते, कॉमेक्स पर चांदी भी अपने ऐत‍िहास‍िक उच्च स्तर पर है और 53.45 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई.

इस साल अब तक, चांदी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो इसकी सुरक्षित निवेश अपील और औद्योगिक मांग, दोनों को दर्शाती है.

एक्‍सपर्ट क्‍या कहते हैं

एक्‍सपर्ट के अनुसार, सोने के विपरीत, चांदी अधिक चक्रीय होती है और वैश्विक आर्थिक रुझानों पर तेजी से प्रतिक्रिया करती है, जिससे उच्च संभावित प्रतिफल तो मिलता है, लेकिन साथ ही अधिक अस्थिरता भी होती है. चांदी ईटीएफ में निवेश में हालिया रुकावट बाजार में आपूर्ति के दबाव को दर्शाती है. आने वाले समय में कीमतें बेहतर प्रदर्शन जारी रख सकती हैं, लेकिन निवेशकों को उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए.

भू-राजनीतिक घटनाक्रमों ने चांदी की तेजी को और बल दिया है. चीन द्वारा विस्तारित दुर्लभ-पृथ्वी निर्यात नियंत्रण और अमेरिकी टैरिफ धमकियों सहित, अमेरिका-चीन के बीच नए सिरे से व्यापार तनाव ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता को बढ़ा दिया है.

इसके अलावा, अमेरिका में संघीय सरकार का 13वें दिन चल रहा बंद बाजार में अस्थिरता को बढ़ा रहा है.

First published on: Oct 14, 2025 06:20 PM

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