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क्या वाकई 1 लाख का आंकड़ा छू सकता है Sensex, मॉर्गन स्टेनली के अनुमान में कितना दम?

Stock Market: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने सेंसेक्स को लेकर जो अनुमान जताया है उससे निवेशकों में खुशी का माहौल है। मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स अगले साल तक एक लाख के जादुई आंकड़े को छू सकता है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Dec 7, 2024 09:30
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Stock Market Today

Morgan Stanley’s Bullish Outlook: शेयर बाजार (Stock Market) के लिए बीते कुछ दिन अच्छे रहे हैं। कल आई गिरावट को छोड़ दें, तो दिसंबर का पहला हफ्ता मार्केट के लिए शानदार रहा। सेंसेक्स इस समय 81,709.12 के केवल पर चल रहा है। इस साल अब तक इसने करीब 13.06% की छलांग लगाई है। ऐसे में एक सवाल मन में उठता है कि क्या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का यह सूचकांक एक लाख का आंकड़ा छू सकता है? यदि हां, तो ऐसा कब तक संभव है?

क्या है मॉर्गन स्टेनली का कहना?

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने भारतीय निवेशकों के इस सवाल का जवाब देने का प्रयास किया है। उसका अनुमान है कि बीएसई सेंसेक्स अगले साल 1,00,000 के आंकड़े को छू सकता है। फर्म का कहना है कि बेस केस में यानी अगर बाजार सामान्य रफ्तार से भागता रहा तो इसके दिसंबर 2025 तक 93,000 के लेवल तक पहुंचने की उम्मीद है। बुल केस में यानी अगर बाजार फुल स्पीड में भागता है तो 1,05,000 के जादुई आंकड़े तक जा सकता है।

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किस पर आधारित है अनुमान?

इसके साथ ही ब्रोकरेज फर्म ने यह भी कहा है कि अगर सेंसेक्स मंदी की चपेट में आता है, तो इसके टूटकर 70,000 तक गिरने की आशंका बनी रहेगी। इस आशंका को छोड़कर कम आगे बढ़ने के अनुमान पर बात करते हैं। मॉर्गन स्टेनली का सेंसेक्स के एक लाख का आंकड़ा पार करने का अनुमान कई कारकों पर आधारित है। फर्म का कहना है कि भारत 2025 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले उभरते बाजारों में से एक होगा। मजबूत कमाई, आर्थिक स्थिरता और घरेलू निवेशकों द्वारा लगातार खरीदारी, भारतीय बाजार को मजबूत प्रदान करेंगे।

इन सेक्टर पर रहेगा जोर

ब्रोकरेज फर्म फाइनेंस, टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इंडस्ट्रियल सेक्टर को लेकर ‘ओवरवेट’ है। यानी उसे लगता है कि ये सेक्टर बाजार की तेजी में अहम योगदान देंगे। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के घरेलू बाजार के लंबी अवधि के संकेत मजबूत बने हुए हैं, जिसे सरकार की नीतियों से समर्थन मिल रहा है। भारत अन्य देशों के बाजारों से बेहतर प्रदर्शन करेगा।

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इस तरह पूरा होगा सपना

शेयर बाजार की चाल कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है। जैसे कि देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती, सरकार की नीतियां, विदेशी और घरेलू फंड का फ्लो आदि। इन सभी मोर्चों पर भारत बाकी देशों के मुकाबले बेहतर है और आने वाले दिनों में इसके और भी ज्यादा बेहतर होने की उम्मीद है। पहले बात करते हैं अर्थव्यवस्था। तमाम अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों ने भारतीय इकॉनमी की मजबूती का अनुमान जताया है।

इकॉनमी पर कायम भरोसा

एशियाई विकास बैंक (ADB) ने हाल ही में कहा था कि वित्त वर्ष 2024 (31 मार्च 2025 को समाप्त) के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7% और वित्त वर्ष 2025 के लिए 7.2% रह सकती है। जेपी मॉर्गन को भारत की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में 6.7% तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं, आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) ने 2024-25 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.8% कर दिया है।

डोनाल्ड बनेंगे हमारे ट्रंप कार्ड

जब देश की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ेगी, तो उसके बाजार पर भरोसा भी बढ़ेगा और विदेशी निवेश बढ़ने की संभावना भी बढ़ेगी। भारतीय बाजार विदेशी निवेशकों के रुख पर काफी निर्भर करता है। उसके खरीदार बनने पर मार्केट में जान आ जाती है। इस साल बड़े पैमाने पर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारत से पैसा निकालकर चीन के बाजार में लगाया है। हालांकि, अब तस्वीर बदलने वाली है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से चीन के लिए हालात मुश्किल होंगे और ऐसे में निवेशक वापस भारतीय बाजार का रुख करेंगे।

दिखाई देने लगी झलक

तमाम विशेषज्ञ मानते हैं कि अधिक रिटर्न के चक्कर में चीनी बाजार का रुख करने वाले विदेशी निवेशक ट्रंप के अमेरिकी सत्ता में वापसी के चलते भारत लौट सकते हैं। ट्रंप का पिछला कार्यकाल चीन के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला रहा था, इस बार भी स्थिति वैसे रह सकती है। लिहाजा , निवेशकों के लिए चीनी बाजार अनुकूल नहीं रहने वाला। इसकी झलक दिखाई भी देने लगी है। दिसंबर के शुरुआती 4 कारोबारी दिनों में विदेशी निवेशकों ने हमारे बाजार में ताबड़तोड़ खरीदारी की है।

…तो बन सकती है बात

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने इस महीने के शुरुआती 4 कारोबारी सत्रों में 23,500 करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर खरीदे हैं, यह आंकड़ा उनके द्वारा नवंबर में की गई बिकवाली से कहीं ज्यादा है। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में 87,590 करोड़ रुपए से अधिक की बिकवाली की थी और नवंबर में उन्होंने करीब 22,602 करोड़ रुपए हमारे बाजार से निकाले थे। यदि उनकी खरीदारी का सिलसिला बरकरार रहता है, जिसकी कि काफी उम्मीद है तो सेंसेक्स मॉर्गन स्टेनली के अनुमान के अनुरूप ऊंचाई छू सकता है।

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News24 हिंदी

First published on: Dec 07, 2024 09:30 AM
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