हमारा शेयर बाजार इस समय बड़ी गिरावट का सामना कर रहा है। मार्केट खुलते ही सेंसेक्स 3000 अंकों का गोता लगा गया। इस एक झटके ने निवेशकों को 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। वैसे, यह कोई पहला मौका नहीं है जब बाजार की बड़ी गिरावट ने निवेशकों के आंसू निकाले हैं। इससे पहले भी कई मौकों पर बाजार जार-जार हुआ है। चलिए ऐसे कुछ बड़े मौकों के बारे में जानते हैं, जब मार्केट बिखरता नजर आया।
4 जून, 2024
लोकसभा चुनाव के परिणाम वाले दिन शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज हुई थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स उस दिन शुरुआती कारोबार में 1700 अंक टूटा और दिन चढ़ने के साथ यह गिरावट बड़ी होती चली गई। दोपहर तक सेंसेक्स में 6094 अंकों की नरमी आ चुकी थी। दरअसल, चुनावी परिणाम एग्जिट पोल्स से कुछ अलग रहे थे। मार्केट को उम्मीद थी कि भाजपा 300 का आंकड़ा पार कर लेगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो बाजार बिखर गए।
मार्च, 2020
कोरोना महामारी से शेयर बाजार को भी बड़ा नुकसान पहुंचा था। 23 मार्च, 2020 को सेंसेक्स एक ही झटके में 3,935 अंक टूट गया और निवेशकों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। दरअसल, लॉकडाउन की आशंका से बाजार में गिरावट आई थी। इसी तरह, 12 मार्च 2020 को सेंसेक्स में 2,919 अंक और 9 मार्च 2020 को 1,941 अंकों की गिरावट दर्ज हुई थी।
फरवरी, 2020
कोरोना महामारी के बढ़ते खतरे ने शेयर बाजार को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया था। निवेशक बेहद डरे हुए थे और उन्होंने बाजार में पैसा लगाना बेहद कम कर दिया था। बिकवाली बाजार पर हावी थी। इस वजह से सेंसेक्स 27 फरवरी 2020 को 1,448 अंक गिर गया। इसी तरह, 24 फरवरी 2020 को इसमें 806 अंक, 6 फरवरी 2020 को 1000 अंक और 3 फरवरी 2020 को 2,100 अंकों की बड़ी गिरावट आई थी।
31 जनवरी, 2020
आर्थिक सुस्ती और वैश्विक अनिश्चितता के चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 987 अंक नीचे पहुंच गया। उस समय बाजार लगातार दबाव में बना हुआ था।
24 अगस्त 2015
चीन की मंदी और रुपये की कमजोरी से बाजार के सेंटीमेंट प्रभावित हुए। इस वजह से सेंसेक्स 1,624 अंक गिर गया, जो उस समय की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट थी। इस झटके से निवेशकों का पोर्टफोलियो बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
यह भी पढ़ें – शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के 5 प्रमुख कारण, निवेशकों के करोड़ों रुपये पल में स्वाहा