RBI on Personal Loan: कोविड के बाद से भारत में लोन लेने में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। खास तौर पर पर्सनल लोन। आम आदमी अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए लोन की तरफ जाता है। लेकिन अब आरबीआई ने एक ऐसा कदम उठाया है जिससे आने वाले समय में पर्सनल लोन लेना महंगा हो सकता है। यानी अगर आप लोन लेने के लिए जा रहे थे तो फिर आपको बैंक महंगे रेट पर लोन ऑफर कर सकता है। दरअसल हुआ यह है कि आरबीआई ने रिस्क वेट को .50 फीसदी से बढ़ा दिया है। जब भी रिस्क वेट बढ़ता है तो बैंक अपने लोन के रेट को बढ़ा देते हैं।
40 फीसदी का हुआ है इजाफा
इस कदम के बाद पर्सनल लोन के साथ क्रेडिट कार्ड रखना भी महंगा होगा क्योंकि यह भी एक तरीके का लोन ही है। आंकड़ों की बात करें तो भारत देश में साल 2019 के बाद से पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या में 40 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है। यानी ये सभी आंकड़े कोविड के समय के बाद के हैं। लोगों के पास कहीं ना कहीं कैश की कमी देखी गई है, जिससे लोग अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए लोन ले रहे हैं।
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क्या होता है रिस्क वेट
रिस्क वेट वो दर है जिस पर बैंकों को दिए गए लोन के बराबर प्रोविजन रखना पड़ता है। अब RBI ने जब रिस्क वेट को बढ़ा दिया है तो फिर हर बैंक को पर्सनल लोन के लिए अपने पास ज्यादा प्रोविजन बनाना होगा। मान लीजिए किसी X बैंक ने Y को 5000 का लोन दिया है तो बैंक को इसके लिए 5,000 रुपए के साथ 25 फीसदी का प्रोविजन बनाना होगा। जिससे बैंक के पास कहीं ना कहीं कैश की कमीं देखने को मिल सकती है।