RBI New Decision: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ा फैसला लिया है, जिससे बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) को बड़ी राहत मिलेगी। अब बैंकों द्वारा NBFCs को दिए जाने वाले लोन पर जोखिम भार (वेटेज) घटाकर 100% कर दिया गया है, जो पहले 125% था। इससे बैंकों की लिक्विडिटी बढ़ेगी और NBFCs को फंडिंग में आसानी होगी। इस फैसले के बाद IndusInd Bank और Bandhan Bank के शेयरों में जबरदस्त उछाल आया है। बैंकिंग सेक्टर के जानकारों का मानना है कि इससे लोन ग्रोथ बढ़ेगी और पूरे फाइनेंशियल सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी।
RBI ने NBFCs को दिए जाने वाले लोन पर जोखिम भार घटाया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के आने के बाद बैंकिंग सेक्टर में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। 25 फरवरी 2025 को RBI ने बैंकों द्वारा नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) को दिए जाने वाले लोन पर वेटेज (जोखिम भार) कम करने का ऐलान किया। पहले यह 125% था, जिसे अब घटाकर 100% कर दिया गया है। पहले के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नवंबर 2023 में इसे 125% कर दिया था। अब इस फैसले से बैंकों और NBFCs दोनों को फायदा होगा, लेकिन सबसे ज्यादा लाभ NBFCs को मिलेगा। इस घोषणा के बाद IndusInd Bank और Bandhan Bank के शेयरों में 4-5% की बढ़ोतरी देखी गई।
🚨 RBI eases lending for #NBFCs & #MFIs! Risk weights on bank loans cut from 125%➡️100%, boosting liquidity. Relief for #BajajFinance, #MuthootFinance, #LICHousing, #LTFinance, #ShriramFinance. Will lending rebound? 📈💰 New rules from April 1! #StockMarket #RBI pic.twitter.com/x5KaU86XgA
— Amit (@AmitxUpdates) February 26, 2025
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बैंकों और NBFCs को होगा फायदा
इस फैसले को लेकर ग्लोबल एनालिस्ट Macquarie ने कहा कि नवंबर 2023 से अब तक अन-सिक्योर्ड लोन ग्रोथ 25% से घटकर 10% रह गई थी, लेकिन अब इसमें सुधार देखने को मिलेगा। IndusInd Bank और Bandhan Bank को इसका सबसे अधिक लाभ होगा, क्योंकि इनका माइक्रोफाइनेंस सेक्टर में बड़ा एक्सपोजर है। CLSA की रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला पूरे बैंकिंग सेक्टर के लिए सकारात्मक है और खासकर Bandhan Bank को अधिक फायदा होगा। Morgan Stanley के अनुसार, इससे बैंकों का CET-1 रेशियो 10-80 बेसिस पॉइंट तक बढ़ेगा, जिससे उनकी पूंजी स्थिति मजबूत होगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, बैंकों का NBFC और MFI (माइक्रोफाइनेंस) एक्सपोजर काफी महत्वपूर्ण है, जिसमें SBI, IndusInd Bank, Bandhan Bank, Axis Bank और Kotak Bank का बड़ा हिस्सा है।
सरकारी और निजी बैंकों को कितना फायदा?
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले से Bandhan Bank, IndusInd Bank, IDFC First Bank, RBL Bank और कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। इससे बैंकों की लिक्विडिटी और पूंजी की स्थिति मजबूत होगी, जिससे उनके रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) में भी सुधार होगा। प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के अनुसार, NBFCs का क्रेडिट ग्रोथ सितंबर 2023 में 30.5% था, जो दिसंबर 2024 में घटकर 9.3% पर आ गया था, लेकिन इस फैसले से इसमें बढ़ोतरी होगी। सरकारी बैंकों के पास NBFCs का अधिक एक्सपोजर होने के कारण उन्हें भी लाभ मिलेगा। Bank of Baroda, Canara Bank, SBI और Bank of India को सबसे अधिक फायदा होगा, जबकि प्राइवेट सेक्टर में IndusInd Bank, Karnataka Bank और Federal Bank को भी इसका लाभ मिलेगा। इस फैसले से बैंकिंग सेक्टर में नई ऊर्जा आएगी और NBFCs को अधिक सहूलियत मिलेगी।