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काम की खबर: FD कराने का यही सही समय, चूके तो पड़ सकता है पछताना!

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कटौती पर सहमति बनी है। RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की राहत दी है, इससे पहले फरवरी में भी रेपो रेट में कटौती की गई थी। इससे जहां लोन सस्ते होने का रास्ता खुल गया है। वहीं, FD पर मिलने वाले ब्याज के कम होने की आशंका भी उत्पन्न हुई है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Apr 10, 2025 12:08

यदि आप बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराने का सोच रहे हैं, तो यही सही समय है। ज्यादा देर पर आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला हुआ है। 9 अप्रैल को आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद यह 6% हो गई है। RBI के इस कदम से जहां लोन सस्ते होने का रास्ता खुला है। वहीं, FD के मोर्चे पर झटका भी लग सकता है।

जल्द हो सकता है बदलाव

पिछली बार यानी फरवरी में जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की थी, तो बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर दिए जाने वाले ब्याज को संशोधित कर दिया था। लिहाजा, इस बार भी ऐसा ही होने की संभावना है। बैंक अगले कुछ दिनों में FD पर ब्याज दरों में बदलाव कर सकते हैं। ऐसे में यदि आप अभी FD करवाते हैं, तो आपको अपेक्षाकृत अधिक ब्याज मिल सकता है। बैंकों द्वारा ब्याज दरों में संशोधन से पहले शुरू हुई FD पर ब्याज में हुए संशोधन का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए अभी एफडी करवाने में ही समझदारी है।

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रेपो रेट और FD का रिश्ता

रेपो रेट और FD की ब्याज दरों के बीच एक खास रिश्ता है। रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। ऐसे में जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो बैंकों के लिए कर्ज महंगा हो जाता है और वो ग्राहकों के कर्ज को भी महंगा कर देते हैं। इसके उलट जब रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंकों को केंद्रीय बैंक से सस्ते में लोन मिलता। इसका फायदा बैंकों द्वारा ग्राहकों को देने की संभावना बढ़ जाती है। इससे लोन सस्ते होने का रास्ता खुल जाता है और आपकी EMI का बोझ कुछ कम होने की उम्मीद बढ़ती है। लेकिन फिक्स्ड डिपाजिट पर मिलने वाला ब्याज कम हो सकता है।

कमी की क्या है वजह?

बैंक आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट पर अधिक ब्याज देकर उसे इसलिए आकर्षक बनाते हैं, ताकि लोग बैंकों में ज्यादा से ज्यादा पैसा रखें और उससे बैंक अपनी आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चला सकें। जब आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो बैंक उससे कम लागत पर धन उधार ले सकते हैं। ऐसे में बैंकों को धन आकर्षित करने के लिए हाई रिटर्न की पेशकश की खास आवश्यकता नहीं रहती। इस वजह से वह FD पर ब्याज दरें कम कर देते हैं। इसलिए अब जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में एक और कटौती कर दी है, तो बैंकों के FD पर ब्याज दरें कम करने की संभावना बढ़ गई है।

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पहले भी हुआ है ऐसा

फरवरी में जब RBI ने पांच साल के अंतराल के बाद रेपो रेट में 0.25% की कटौती करके उसे 6.25% कर दिया था, तो इसके बाद बैंकों द्वारा FD पर मिलने वाले ब्याज में भी संशोधन किया गया था। प्राइवेट सेक्टर के DCB बैंक ने तुरंत 3 करोड़ रुपये से कम की FD पर ब्याज दरों में 65 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी और नई दरें 14 फरवरी से लागू हो गई थीं। इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक सहित कुछ दूसरे बैंकों ने भी FD ब्याज दरों को अपडेट किया था। अब बैंक एक बार फिर से ऐसा कर सकते हैं।

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Neeraj

First published on: Apr 10, 2025 12:08 PM

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