---विज्ञापन---

एक टूरिस्ट जो 1 लाख करोड़ की बनी थी मालकिन, Ratan Tata से इनका बेहद खास कनेक्शन

Success Story: मशहूर बिजनेस टायकून रतन टाटा की निजी जिंदगी से जुड़ी उस महिला के बारे में जानिए, जो भारत की नहीं हैं, लेकिन भारत की बनकर रह गई हैं। आज वे टाटा ग्रुप का नामी चेहरा हैं और टाटा परिवार की बेहद खास मेंबर हैं। आइए उनके बारे में जानते हैं...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Sep 23, 2024 10:22
Share :
Simone Tata, Ratan Tata
स्विटजरलैंड से आईं और भारत की बनकर रह गईं।

Simone Tata Success Story: एक महिला 23 साल की उम्र में टूरिस्ट बनकर आई थी, लेकिन भारत घूमते-घूमते वह एक शख्स से मिली, जिस पर उसका दिल आ गया। इसके बाद वह महिला हमेशा के लिए भारत की बनकर रह गई। उस महिला ने उस भारतीय से शादी कर ली और फिर दोनों ने मिलकर 50000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी, जो आज एक लाख करोड़ की कंपनी बन गई है।

इस महिला का बिजनेस टायकून रतन टाटा से बेहद खास कनेक्शन है और वह जिस कंपनी की मालकिन थीं, वह कंपनी रतन टाटा ग्रुप का ही वेंचर है। जी हां, बात हो रही है रतन टाटा की सौतेली मां सिमोन टाटा की, जो टूरिस्ट बनकर स्विटजरलैंड से भारत घूमने आई थीं और उन्हें रतन टाटा के पिता नवान होर्मुस्जी टाटा से प्यार हो गया। दोनों ने शादी कर ली और दोनों ने मिलकर Trent कंपनी की नींव रखी। इस कंपनी की पहली मालकिन सिमोन थी और आज कंपनी नोएल टाटा की लीडरशिप में दुनिया की मशहूर कंपनी बन गई है।

यह भी पढ़ें:Canada में नौकरीपेशा भारतीयों की कैसी हालत? युवक की आपबीती का वीडियो वायरल

सिमोन टाटा ने कंपनी को जिंदगी के 20 साल दिए

Trent वेस्टसाइड और लैंडमार्क जैसे मशहूर ब्रांड्स की ऑनर और रिटेलर कंपनी है। सिमोन टाटा साल 1930 में जेनेवा में पैदा हुई थीं। वे 1953 में टूरिस्ट बनकर भारत आई थीं। इस दौरान उनकी मुलाकात नवल टाटा से हुई। नवल सर रतनजी टाटा के गोद लिए हुए बेटे थे। दोनों ने साल 1955 में शादी कर ली थी। इसके बाद वे मुंबई में बस गईं। 1957 में इनका बेटा नोएल हुआ। रतन टाटा सिमोन के सौतेले बेटे हैं और नवल टाटा की पहली पत्नी से हैं।

वहीं टाटा ग्रुप से सिमोन 1961 में जुड़ीं। 1961 में इन्हें लैक्मे कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया था और 1962 में वे लैक्मे बोर्ड की मेंबर बनी थीं। 1982 में अध्यक्ष बनीं और अक्टूबर 2006 में ट्रेंट लिमिटेड की नॉन-एग्जीक्यूटिव ऑफिसर बनीं। 1989 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज के बोर्ड का मेंबर बनाया गया। 1996 में लैक्मे को हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड (HLL) को बेच दिया गया। वहीं ट्रेट ग्रोथ करके बड़ी कंपनी बन गई। सिमोन टाटा ने करीब 20 साल टाटा ग्रुप को दिए और ट्रेंट कंपनी को एक मुकाम पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

यह भी पढ़ें:एक हाउस वाइफ जो 800 करोड़ की कंपनी की CEO आज, MS धोनी भी इनके आगे जोड़ते हाथ

बहू शपूरजी पलोनजी मिस्त्री की बेटी

सिमोन टाटा के बेटे नोएल टाटा आज ट्रेंट के वाइस प्रेसिडेंट, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के प्रेसिडेट, कंसाई नेरोलैक पेंट्स, टाइटन इंडस्ट्रीज और वोल्टास के डायरेक्टर हैं। उनकी बहू शापूरजी पलोनजी मिस्त्री की बेटी हैं। पलोनजी ग्रुप के मालिक पलोनजी मिस्त्री के पास टाटा ग्रुप के सबसे ज्यादा शेयर हैं। वहीं रतन टाटा आज पूरी दुनिया के मशहूर अरबपतियों की सूची में शामिल हैं।

यह भी पढ़ें:हाफ पैंट वाली गोल्ड मेडलिस्ट ‘नानी’ कौन? कैसे तय किया घुटनों के दर्द से Weighlifting का सफ़र

HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Sep 23, 2024 10:18 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें