---विज्ञापन---

बिजनेस

‘भारत के 14 अरब लोग हैं हमारे असली रिसोर्स’: प्रणव अडाणी

अडाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अडाणी ने चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के पहले स्थापना दिवस पर भारत की विकास यात्रा के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि 'देश की 14 अरब आबादी हमारी सबसे बड़ी ताकत है और हमें अर्थव्यवस्था के निष्क्रिय हिस्से पर ध्यान देना चाहिए ताकि असली विकास हो सके'।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 19, 2025 22:47
Adani Group
प्रणव अडाणी

चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के पहले स्थापना दिवस पर अडाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अडाणी ने भारत की विकास यात्रा पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में एक बहुत अच्छी स्थिति में है। प्रणव अडाणी ने कहा कि देश की 14 अरब आबादी हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘हमारे पास 14 अरब लोग हैं, जो हमारे असली संसाधन हैं।’

अर्थव्यवस्था में सक्रिय और निष्क्रिय हिस्से पर ध्यान देने की जरूरत

प्रणव अडाणी ने देश की अर्थव्यवस्था के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में 50 फीसदी हिस्सा सक्रिय रूप से जीडीपी की वृद्धि में योगदान दे रहा है, जबकि बाकी 50 फीसदी हिस्सा अभी निष्क्रिय है। उन्होंने कहा कि अब हमें इस निष्क्रिय हिस्से पर ध्यान देना होगा। जब हम ऐसा करेंगे, तभी भारत की असली विकास कहानी शुरू होगी।’

---विज्ञापन---

प्रणव अडाणी ने कहा कि वे इस बारे में बहुत आशावादी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत का विकास सिर्फ दिल्ली या राजधानी शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण और छोटे शहरों में भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘चाहे रांची हो, रायपुर, भुवनेश्वर या उत्तर-पूर्व हो असली भारत यहीं रहता है और हमें यहां पर ध्यान देना होगा।’

संख्याओं में नहीं मापा जाता है विकास

प्रणव अडानी ने यह भी कहा कि अडाणी ग्रुप पिछले तीन दशकों से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘हमारे अध्यक्ष गौतम अडाणी हमेशा कहते हैं कि’विकास को संख्याओं से नहीं, बल्कि हम जिन जीवन को छूते हैं, उनसे मापा जाना चाहिए।’ यह बयान फाउंडेशन के मिशन और उद्देश्यों को बताता है।

---विज्ञापन---

क्यों की गई इस फाउंडेशन की स्थापना?

चिंतन रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना भारत को एक वैचारिक लीडर बनाने और वैश्विक मंचों पर भारत के हितों की वकालत करने के उद्देश्य से की गई है। फाउंडेशन न केवल अनुसंधान करेगा, बल्कि COP29, संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन जैसे वैश्विक मंचों पर भी भारत के हितों की बात रखेगा।

प्रणव अडाणी ने यह भी कहा कि भारतीय थिंक टैंकों को सहयोग करना चाहिए ताकि देश को दुनिया में एक ‘वैचारिक लीडर’ बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि ‘चलो दिल्ली से आगे बढ़ें। भारत विविध बोलियों का एक समूह है।’

First published on: Jun 19, 2025 10:43 PM

संबंधित खबरें