Online Gaming GST: 130 से अधिक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और उद्योग संघों ने केंद्र से संपर्क कर ऑनलाइन गेमिंग के लिए पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। शनिवार को एक रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनियों ने एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और इसे ‘व्यवहार्य और प्रगतिशील जीएसटी व्यवस्था’ के लिए केंद्र को भेजा है।
द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों ने कहा है कि पूर्ण जमा मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव तेजी से बढ़ते उद्योग की वृद्धि को रोक देगा।
सरकार को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘पूर्ण जमा मूल्य पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव उद्योग के विकास पथ को उलट देगा। इसका संभावित रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए विनाशकारी प्रभाव (व्यवसाय बंद होने सहित) होगा, जिनके पास इतनी तेज कर वृद्धि का सामना करने के लिए पूंजी भंडार नहीं हो सकता है।’
पत्र पर नज़रा टेक्नोलॉजीज, मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) और इसकी गेम डेवलपमेंट यूनिट मेहेम स्टूडियोज, गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीज और विनज़ो गेम्स सहित कंपनियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF), ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF), फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) और ऑल इंडिया गेम डेवलपर फोरम (AIGDF) सहित गेमिंग उद्योग निकायों के अलावा, उन्होंने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
AIGF एमपीएल, ज़ूपी और पेटीएम फर्स्ट गेम्स जैसी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि ईजीएफ गेम्स 24×7 और जंगल गेम्स सहित कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। FIFS को ड्रीम11 और फैंटेसी अखाड़ा जैसे प्लेटफार्मों का समर्थन प्राप्त है।
11 जुलाई को जीएसटी काउंसिल ने ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कैसीनो पर 28 फीसदी टैक्स लगाया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 50वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने की प्रभावी तारीख की घोषणा जीएसटी कानून में संशोधन के बाद की जाएगी।
सीतारमण ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय उद्योग को खत्म करने के उद्देश्य से नहीं था, बल्कि इस ‘नैतिक प्रश्न’ पर विचार करते हुए लिया गया था कि इस पर आवश्यक वस्तुओं के बराबर कर नहीं लगाया जा सकता है।