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इंडिया के विभिन्न बैकग्राउंड से आए लोगों को रिप्रेजेंट करता है NSE Bull, कॉफी टेबल बुक की गई लॉन्च

एनएसई एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि एनएसई बुल ने समाज और बाजार के बीच के रिलेशन को दर्शाया है। ये बुल पूंजी बाजार का प्रतीक है।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Oct 4, 2024 16:12
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NSE Bull Has All Qualities That Are Key To India Economic Growth: एनएसई बुल में वे सभी गुण मौजूद हैं जो भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। बुल के चारों ओर ऐसी आकृतियां हैं जो भारत के विभिन्न बैकग्राउंड से आए लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसमें एक स्कूल जाने वाला लड़का, एक गांव की महिला और अन्य पेशेवर लोग बुल के चारों ओर खड़े हैं। ये बातें एनएसई के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहीं।

राज्यपाल ने कॉफी टेबल बुक की लॉन्च

बीते 6 सितंबर को एनएसई मुख्यालय के सामने खड़े एनएसई बुल की मूर्ति से पर्दा हटाया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और एनएसई के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान भी मौजूद थे। इस दौरान राज्यपाल ने कॉफी टेबल बुक भी लॉन्च की। इस बुक का नाम ‘The Journey of Empowering 1.4 billion Dreams’ रखा गया है।

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बुल भारत के पूंजी बाजारों में क्रांति को दर्शाता है

इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि मुझे एनएसई के बुल की प्रतिमा और कॉफी टेबल बुक का उद्घाटन करते हुए खुशी हो रही है। ये बुल भारत के पूंजी बाजारों में क्रांति लाने और देश के विकास में इसके योगदान में एनएसई की भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय ताकत और ग्रोथ ओर गति का प्रतीक बुल, शेयर बाजार के इतिहास में गहरी जड़ें रखता है। इस मूर्ति को जो चीज अद्वितीय बनाती है वह है इसके चारों ओर आकृतियों का समावेश, जिनमें से प्रत्येक भारत की प्रगति में विविध प्रतिभागियों और योगदानकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करती है।

एनएसई बुल ने समाज और बाजार के बीच सिंबायोटिक रिलेशन को दर्शाया

एनएसई एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि हमें महाराष्ट्र राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के हाथों एनएसई बुल की प्रतिमा का उद्घाटन और अपनी कॉफी टेबल बुक लॉन्च करने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि एनएसई बुल ने समाज और बाजार के बीच सिंबायोटिक रिलेशन को दर्शाया है। ये बुल पूंजी बाजार का प्रतीक है, जबकि आम लोग समाज को एनएसई मुख्यालय में प्रदर्शित करते हैं।

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देश के सभी कोनों में ऐसे पहुंचा बाजार

सीईओ ने आगे कहा कि 30 साल पहले 1994 में भारत में शेयर बाजार समाज के लिए सुलभ नहीं था। एनएसई में अपनी तरह के पहले, स्वचालित, स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग के आगमन के साथ बाजार देश के सभी कोनों में पहुंच गया और आज एनएसई के पास एक्सचेंज के साथ 10 करोड़ से अधिक अद्वितीय निवेशक पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि कॉफी टेबल बुक इस संस्था की कहानी को बताती है।

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Edited By

Amit Kasana

First published on: Oct 04, 2024 03:51 PM

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