New Pension: केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों के तहत केंद्र सरकार के पेंशनरों को प्रदान किया जाने वाला पेंशन/अनुकंपा भत्ता 80, 85, 90, 95 और 100 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद काफी बढ़ जाता है। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 कहते हैं, ‘सेवानिवृत्त शासकीय सेवक द्वारा अस्सी वर्ष या उससे अधिक की आयु पूर्ण करने पर इस नियम के अन्तर्गत अनुमन्य पेंशन अथवा अनुकम्पा भत्ता के अतिरिक्त सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को अतिरिक्त पेंशन अथवा अनुकम्पा भत्ता देय होगा।’
अति वरिष्ठ पेंशनभोगियों को पेंशन का आंकड़ा
- 80 वर्ष से 85 वर्ष से कम – मूल पेंशन/अनुकंपा भत्ता का 20%
- 85 वर्ष से 90 वर्ष से कम – मूल पेंशन / अनुकंपा भत्ता का 30%
- 90 वर्ष से 95 वर्ष से कम – मूल पेंशन / अनुकंपा भत्ता का 40%
- 95 वर्ष से 100 वर्ष से कम – मूल पेंशन / अनुकंपा भत्ता का 50%
- 100 वर्ष या उससे अधिक से – मूल पेंशन / अनुकम्पा भत्ता का 100%
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नियमों के अनुसार, अतिरिक्त पेंशन या अतिरिक्त अनुकम्पा भत्ता उस कैलेंडर माह के पहले दिन से देय होता है जिसमें यह देय होता है। उदाहरण के लिए, 15 अगस्त 1942 को जन्म लेने वाला पेंशनभोगी 1 अगस्त 2022 से प्रभावी मूल पेंशन के 20% की दर से अतिरिक्त पेंशन के लिए पात्र होगा। इसी तरह, 5 अगस्त 1942 को जन्म लेने वाला पेंशनभोगी भी 1 अगस्त 2022 से प्रभावी मूल पेंशन के 20% की अतिरिक्त पेंशन के लिए पात्र होगा।
अर्हकारी सेवा (Qualifying service) की अवधि की गणना करते समय, तीन महीने और उससे अधिक के बराबर एक वर्ष का अंश एक पूर्ण छह-मासिक अवधि के रूप में माना जाता है और एक अर्हक सेवा माना जाता है।
यदि किसी कैलेंडर माह के मध्य में पेंशन बंद कर दी जाती है, तो उस महीने के अंश के लिए देय पेंशन की राशि को भी अगले उच्च रुपये में राउंड ऑफ कर दिया जाता है।
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सरकार की मुख्य बात
केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर 2021 को केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 को अधिसूचित किया। ये पेंशन नियम 31 दिसंबर, 2003 को या उससे पहले नियुक्त सरकारी सेवकों पर लागू होते हैं, जिनमें रक्षा सेवाओं में असैन्य सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।