गर्मी के मौसम में कुछ खास तरह के ड्रिंक्स की मांग काफी बढ़ जाती है, लेकिन फ्रूटी की डिमांड लगभग पूरे साल बनी रहती है। बेवरेज मार्केट पर यह नाम सालों से राज कर रहा है और पिछले कुछ समय में इसने युवाओं को अपने साथ जोड़े रखने के लिए अनगिनत बदलाव किए हैं। देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों में से एक पारले एग्रो (Parle Agro) इसे तैयार करती है और इसे नए जमाने का ड्रिंक बनाने के पीछे नादिया चौहान का बहुत बड़ा हाथ है।
छोटी उम्र में की शुरुआत
पारले एग्रो की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर नादिया ने अपनी बहन शाउना चौहान के साथ मिलकर कंपनी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। पारले एग्रो आज 8000 करोड़ रुपये की कंपनी है और नादिया चौहान इसे साल 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये की कंपनी बनाना चाहती हैं। नदिया ने 2003 में महज 17 साल की उम्र में कंपनी जॉइन की थी। कंपनी के चेयरमैन प्रकाश जयंतीलाल चौहान की बेटी नादिया चौहान जब कंपनी का हिस्सा बनीं, तब वह 300 करोड़ रुपये की कंपनी थी और आज पारले एग्रो 8000 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है।
मजबूत की ब्रांड की पहचान
नादिया चौहान ने फ्रूटी को नया रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इसे चाइल्डहुड ड्रिंक से एक वाइब्रेंट यूथ-सेंट्रिक ब्रांड में बदल दिया है। नादिया अपनी बोल्ड मार्केटिंग स्ट्रेटेजी और इनोवेटिव ब्रांडिंग के लिए पहचानी जाती हैं। उन्होंने लगातार ऐसे कैंपेन और उत्पाद पेश किए हैं जो न केवल उपभोक्ता की रुचि को आकर्षित करते हैं बल्कि भारतीय पेय उद्योग के भीतर नए मानक स्थापित करते हैं। 1929 में मोहनलाल चौहान द्वारा स्थापित पारले ग्रुप ने कन्फेक्शनरी से अपनी शुरुआत की थी। 1959 में समूह ने बेवरेज सेक्टर में कदम रखा, बाद में लिम्का, माजा, गोल्ड स्पॉट और थम्स अप जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड बनाए।
इस तरह बढ़ती गई बिक्री
नादिया का जन्म कैलिफोर्निया में हुआ और वे मुंबई में पली-बढ़ीं। उन्होंने फैमिली बिजनेस में आधिकारिक रूप से शामिल होने से पहले एचआर कॉलेज से कॉमर्स की पढ़ाई करने के साथ ही मार्केटिंग और ब्रांडिंग का ज्ञान हासिल किया। साल 2005 में नादिया ने फ्रूटी को लेकर एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने इसकी पैकेजिंग को टेट्रा पैक से पेपरबोट स्टाइल में बदला, जिससे इसकी बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज हुई। इसके बाद 2010 में उन्होंने ऐप्पी फिज लॉन्च (Appy Fizz) किया, जो भारत में कार्बोनेटेड फ्रूट-ड्रिंक सेगमेंट में एक बड़ा ब्रांड है।
कई अवॉर्ड्स से सम्मानित
नादिया पारले एग्रो को केवल भारत ही नहीं, इंटरनेशनल मार्केट में भी लगातार मजबूत करने में जुटी हुई हैं। बिजनेस में लगातार कुछ इनोवेटिव करते रहने के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2019 में फॉर्च्यून इंडिया की 40 अंडर 40 लिस्ट में भी शामिल किया गया था। नादिया के नेतृत्व में पारले एग्रो 300 करोड़ रुपये की कंपनी से बढ़कर 8,000 करोड़ का पावरहाउस बन गई है और कंपनी का लक्ष्य अब 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करना है।