Life Insurance Policy Rules Change: भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण यानी IRDAI ने आज से जीवन बीमा पॉलिसियों के सरेंडर वैल्यू को लेकर नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के अनुसार, अब पॉलिसी होल्डर्स को अपनी पॉलिसी बंद करने पर ज्यादा रिफंड मिलेगा। हालांकि, ये बदलाव बीमा कंपनियों के लिए काफी चैलेंजिंग साबित हो सकते हैं लेकिन इससे पॉलिसीधारकों को काफी फायदा होगा और IRDAI द्वारा लागू किया गया नया नियम बीमा इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव लाएगा।
नए नियमों से पॉलिसी होल्डर्स को क्या फायदा?
पहले, अगर कोई पॉलिसी होल्डर एक साल के अंदर पॉलिसी बंद करता था तो उसे कोई रिफंड नहीं मिलता था। अब, उसे भुगतान किए गए प्रीमियम का लगभग 80-85% हिस्सा वापस मिलेगा। इतना ही नहीं पॉलिसी होल्डर अब आसानी से एक बीमा कंपनी से दूसरी बीमा कंपनी में जा सकते हैं, बिना ज्यादा पैसा गंवाए।
तो अब कितने पैसे मिलेंगे वापस?
मान लीजिए अगर आप 5 लाख रुपये के इंशोरेंस के साथ 10 साल की पॉलिसी लेते हैं तो पहले साल अगर आपने 50 हजार रुपये का प्रीमियम भरा है तो पुराने नियमों के मुताबिक ऐसे में अगर आप पॉलिसी छोड़ देते हैं तो आपको किसी तरह का कोई रिफंड नहीं मिलता था लेकिन अब नए नियमों के मुताबिक आपको 31 हजार रुपये तक का रिफंड मिल सकता है।
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बढ़ सकते हैं प्रीमियम?
इन नए नियमों के लागू होने से हाई सरेंडर वैल्यू के कारण, बीमा कंपनियों को प्रीमियम बढ़ाने पड़ सकते हैं। हाई सरेंडर वैल्यू से बीमा कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन पर असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं बीमा कंपनियों को अब पॉलिसी होल्डर्स को अपनी पॉलिसी जारी रखने के लिए और अधिक बेनिफिट्स देने होंगे।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
विशेषज्ञों का मानना है कि ये बदलाव लंबे समय में बीमा कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। इससे बीमा कंपनियों को बेहतर प्रोडक्ट और सर्विस देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। हालांकि, शॉर्ट टर्म में बीमा कंपनियों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।